
UP: भीषण गर्मी के चलते प्रदेश में बढ़ी बिजली की मांग, अधिकारियों के छूट रहे पसीने
अधिकारी हालात नियंत्रण में होने का दावा कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ शहरों से लेकर गांवों तक
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। अप्रैल की शुरुआत में ही बिजली की मांग 21500 मेगावाट तक पहुंच गई है। जिसके कारण आपूर्ति व्यवस्था पटरी पर रखने में अभियंताओं व तकनीकी स्टाफ के पसीने छूट रहे हैं।
एक तरफ जहां आला अधिकारी हालात नियंत्रण में होने का दावा कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ शहरों से लेकर गांवों तक लोकल फाल्ट, ओवर लोडिंग व अन्य तकनीकी कारणों से अघोषित कटौती का सिलसिला जारी है। बीते साल मार्च-अप्रैल में बिजली की अधिकतम मांग 18593 मेगावाट और 19837 मेगावाट थी। लेकिन इस साल 20,500 और 21,500 मेगावाट के आसपास पहुंच चुकी है। बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए सभी उपलब्ध स्रोतों के साथ एनर्जी एक्सचेंज से भी बिजली का इंतजाम किया जा रहा है। फील्ड के स्टाफ को आपूर्ति की सघन निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं लगातार बिजली की बढ़ती मांग को लेकर ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री एके शर्मा ने फील्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बिजली कंपनियों के एमडी को नियमित अनुश्रवण और पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन को बिजली आपूर्ति के शिड्यूल की सतत निगरानी करने को कहा है।