लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह पहली बार होगा जब विधान परिषद से कांग्रेस शून्य पर होगी। आजादी के पहले से लेकर लंबे समय तक उत्तर प्रदेश राज्य कांग्रेसका गढ़ा था लेकिन अब वह अस्तित्व बचाने को संघर्ष कर रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी इस बार मात्र 2 सीटें ही बचा पाई है। वही विधान परिषद में कॉन्ग्रेस सुन पर पहुंचने वाली है। आपको बता दें कि 1935 के बाद यह ऐसा पहला अवसर होगा जब यूपी विधान परिषद में कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं होगा फिलहाल विधान परिषद में कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह है जो 6 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं इसका कांग्रेस का कोई सदस्य विधान परिषद में नहीं रहेगा।
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आपको बता दें उत्तर प्रदेश कांग्रेस के चर्चित चेहरे रहे दीपक सिंह कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में रहे और पार्टी के कार्यकर्ताओं के तौर पर लंबे समय तक काम किया है।
आपको बता दें कि प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके स्थान पर अब तक पार्टी ने किसी की नियुक्ति नहीं की है। फिलहाल यूपी विधान परिषद में 100 सीटें हैं इनमें से 38 लोगों का चयन विधान सदस्यों के द्वारा होता है वह इसके अलावा स्थानीय निकायों के जरिए 36 सदस्य चुने जाते हैं साथ ही 10 सदस्यों का राज्यपाल मनोनयन करते हैं इसके लिए राज्य सरकार की कैबिनेट सिफारिश करती है।
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आपको बता दें कि फिलहाल भाजपा के विधान परिषद में 66 सदस्य हैं जबकि 14 मेंबर्स के साथ मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर है। वही अगले कुछ महीनों में विधान परिषद से 15 सदस्य रिटायर होने वाले हैं। इनमें से 10 समाजवादी पार्टी के अलावा दो भाजपा दो बसपा के हैं वही कांग्रेसका कुमार सदस्य रहे दीपक सिंह भी रिटायर हो रहे हैं। इन सदस्यों की रिटायर हो जाने के बाद विधान परिषद में बसपा का मात्र 1 सदस्य बचेगा।