
यूपी: ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार निगरानी बढ़ाने के सीएम योगी ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एंड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में उपयोगी सिद्ध हो रही है। इससे रिकवरी दर बढ़ी है और संक्रमण कम हुआ है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में इस नीति को अपनाकर कार्य किए जाएं। सीएम बृहस्पतिवार को उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 के नियंत्रण व स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने सभी जिलों में मेडिसिन एवं एंटीजन किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कहा, सीएमओ के नेतृत्व में एक डेडिकेटेड टीम को जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी, पीएससी तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के कायाकल्प की जिम्मेदारी दी जाए। यह कार्य तीन-चार दिन में कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में उपलब्ध सरप्लस वेंटिलेटर को स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दें। स्वास्थ्य विभाग इनको जिला चिकित्सालय तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित करे।
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ब्लैक फंगस वाले मरीजों को चिह्नित कर उपचार कराएं
सीएम ने कहा कि पोस्ट कोविड मरीजों में भी ब्लैक फंगस का संक्रमण मिल रहा है। ऐसे में पीड़ितों को चिह्नित कर उनके उपचार की पूरी व्यवस्था करें। सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें और सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का उपचार करा रहे रोगियों की पूरी केस हिस्ट्री तथा लाइन ऑफ ट्रीटमेंट की जानकारी विशेषज्ञों को उपलब्ध कराएं। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ब्लैक फंगस की दवा की व्यवस्था करा दी गई है। निजी अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज करा रहे रोगी भी संबंधित मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर दवा प्राप्त कर सकते हैं।
चिकित्सा संस्थानों में तैयार होने लगे पीआईसीयू
प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में पीआईसीयू बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत केजीएमयू में एक पीआईसीयू तैयार हो गया है जबकि दूसरे को तैयार किया जा रहा है। यहां पहले से भी ट्रॉमा सेंटर में एक पीआईसीयू चल रहा है। इसी तरह लोहिया संस्थान में पहले से एक पीआईसीयू का संचालन हो रहा है। अब यहां 120 बेड का अतिरिक्त पीआईसीयू तैयार किया जाएगा। इसी तरह अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी पीआईसीयू बनाने के निर्देश दिए गए हैं।