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UP Budget : गांवों में खुलेंगी डिजिटल लाइब्रेरी, देवीपाटन को मिला विश्वविद्यालय का तोहफा

हमारी सरकार के पहले की सरकारों का रवैया प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति घोर उपेक्षा का रहा।

लखनऊ : योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट विधानसभा में पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए बताया कि वर्तमान में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित सामान्य शिक्षा के लिए 2357 राजकीय, 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त और 21,023 वित्त विहीन कुल 27.892 माध्यमिक विद्यालय तथा संस्कृत शिक्षा के लिये 2 राजकीय, 971 सहायता प्राप्त एवं 267 वित्त विहीन कुल 1240 विद्यालय संचालित हैं।
● माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण / सम्वर्द्धन के लिये विद्यालय की परिसम्पत्तियों का उपयोग करते हुये विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है।
● केन्द्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।
● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।
● समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 1003 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● स्ववित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01 डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय संचालित हैं।
● नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।
● मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त हुई है। भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।
● प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है। चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं। विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
● देवीपाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मुरादाबाद मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें अर्थात 220 संस्थायें स्वीकृत हैं जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
● 52 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन / अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी०पी०पी० मोड पर संचालित किया जाना है।
● वर्तमान में 1372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र / छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है।
● वर्तमानतः राजकीय अनुदानित एवं निजी क्षेत्र की समस्त संस्थाओं को सम्मिलित करते हुये कुल प्रवेश क्षमता 223779 है। छात्र / छात्राओं को अधिक रोजगार तथा इमर्जिंग टेक्नोलाजी आधारित उद्योग हेतु मैनपावर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सत्र 2022-23 से New Age Course के अन्तर्गत 4 पाठ्यक्रम यथा डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सेक्यूरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण 21 राजकीय पालीटेक्निकों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश क्षमता 1575 है।
● राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु क्रमश: 50 करोड़ रूपये एवं 33 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोण्डा, बस्ती, प्रतापगढ़ तथा मीरजापुर में कक्षाओं के संचालन हेतु 1.50-1.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों/ अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व से निर्मित भवनों के जीर्णोद्वार एवं अनुरक्षण हेतु 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें विभिन्न व्यवसायों की 1,72,872 सीटें उपलब्ध हैं।
● प्रदेश के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 47 में महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु महिला शाखा संचालित कराई जा रही है। सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं हेतु 12 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वतन्त्र रूप से संचालित हो रहे हैं।
● सम्पूर्ण प्रदेश में 2963 से अधिक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 4.58 लाख से अधिक सीटें युवाओं के प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध हैं।
● टाटा टेक्नोलॉजीज लि० की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के तकनीकी उन्नयन की योजना के अन्तर्गत आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है।
● परियोजना की लागत 5000 करोड़ रूपये से अधिक है जिसमें 88 प्रतिशत अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा तथा 12 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा लगाया जायेगा।
● इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा परियोजना हेतु 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि के निर्माण के लिये 477 करोड़ रूपये का व्यय वहन किया जायेगा।
● वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रूपये की व्यवस्था करायी गयी है। परियोजना के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 30,000 छात्र प्रशिक्षित होंगे।
● कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इस हेतु 35 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● खेलो इंण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिये 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना हेतु 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● खेल विकास कोष की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● जनपद मेरठ में मेजर ध्यान चन्द्र खेल विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने के संबंध में त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है। खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● सहारनपुर, फतेहपुर एवं बलिया में स्पोर्टस कालेज के निर्माण हेतु 20 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● हमारी सरकार के पहले की सरकारों का रवैया प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति घोर उपेक्षा का रहा। प्रदेश में एक ऐसा माहौल बना दिया गया था कि अपनी प्राचीन धार्मिक आस्था को प्रकट करना अपराध की श्रेणी में आ गया था। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के पुरूत्थान का अभियान प्रारम्भ किया तो उनका विरोध भी किया गया। कर्मयोगी और पराक्रमी पुरुष विरोध और अवरोध को पराभूत कर अपना मार्ग बनाना जानते हैं।
मैं पंछी तूफानों में राह बनाता
मेरा राजनीति से केवल इतना नाता
तुम मुझे रोकते हो अवरोध बिछाकर
मैं उसे हटाकर आगे बढ़ता जाता
● काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना का कार्य किया गया। वर्तमान में वैदिक विज्ञान केन्द्र में वैदिक गणित, वैदिक विज्ञान एवं वैदिक न्याय शास्त्र सहित, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है।
● जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के फलस्वरूप पर्यटकों की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुँच मार्गों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य तथा 06 स्थानों पर पार्किंग तथा जनसुविधाओं के विकास का कार्य किया जा रहा है जिन्हें आगामी 02 वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
● जनपद मीरजापुर में प्रसिद्ध माँ विन्ध्यवासिनी देवी मन्दिर, माँ अष्टभुजी देवी मन्दिर एवं काली खोह मन्दिर का जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कराये जाने तथा त्रिकोणीय परिक्रमा पथ को विकसित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
● जनपद अयोध्या एवं चित्रकूट की भाँति जनपद प्रयागराज में भजन सध्या स्थल की स्थापना का प्रस्ताव है। भजन संध्या स्थल की स्थापना हो जाने से तीर्थ क्षेत्र प्रयागराज में श्रद्धालुओं की सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ सांस्कृतिक विकास का कार्य भी किया जा सकेगा।
● नैमिषारण्य में वैदिक विज्ञान, सीतापुर जिले का एक प्रसिद्ध तप स्थल अध्ययन केन्द्र की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है। वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना से वेदों एवं पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आम जन के बीच ले जाने हेतु अध्ययन कार्य किया जायेगा।

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