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यूपी: एक और एक्सप्रेस-वे की सौगात,चंबल एक्सप्रेस-वे को मिली हरी झंडी

देश में कुख्यात डाकू के लिए बदनाम चंबल घाटी अब विकास की नई इबारत लिख रही है

  • तीन राज्यों से होकर गुजरेगा चम्बल एक्सप्रेसवे
  •  किसानों और आदिवासियों को होगा ज्यादा फायदा

यूपी: उत्तर प्रदेश दिन पर दिन एक्सप्रेस प्रदेश का हब बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश को लगातार एक्सप्रेसवे की सौगात मिल रही है। प्रदेश को आगरा -लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद चंबल एक्सप्रेस वे के निर्माण को मंजूरी मिल गई है।

आपको बता दें कि कभी प्रदेश में कुख्यात डाकू के लिए बदनाम चंबल घाटी अब विकास की नई इबारत लिख रही है। प्रशासनिक और पुलिस की कसरत में डाकू का चंबल घाटी से खात्मा तो किया साथ एक्सप्रेस वे के जरिए विकास और रोजगार के नए रास्ते भी खोलने की तैयारी में है।

 चंबल एक्सप्रेस-वे 404 किलोमीटर लंबा होगा. यह मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से गुजरेगा. एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के कानपुर से निकलेगा. इसके बाद ये दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से जुड़ जाएगा. चंबल एक्सप्रेस-वे की यूपी में लंबाई 18 किमी, राजस्थान में 77 किमी जबकि एमपी में इसकी लंबाई 303 किमी के करीब होगी. यह एक्सप्रेस-वे इसलिए खास है क्योंकि यह 6 लेन एक्सेस कंट्रोल हाईवे है. यह एक्सप्रेस-वे सभी बड़े हाईवे से जुड़ेगा. इससे यहां से गुजरने वाले आसानी ने और बिना किसी असुरक्षा या परेशानी से अपने-अपने स्थानों पर पहुंच जाएंगे. इससे पैसे और समय दोनों की बचत होगी.

चंबल एक्सप्रेस वे के इटावा से होकर गुजरने की खबर के बाद लोग बेहद खुश हैं। एक्सप्रेस वे की मंजूरी मिलने के बाद लोगों को ऐसा लग रहा है कि तीनों एक्सप्रेसवे के जरिए इटावा में विकास की नई रातों शुरू होगी ही साथ ही रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और सांसद प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने बताया कि इटावा के भरथना के पास नगरिया सरावा गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से चंबल एक्सप्रेस वे का जुड़ाव होगा। वहीं इस साल के अंत में चंबल एक्सप्रेस हुए शुरू हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है।

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 इस एक्सप्रेस-वे से एक और अविश्वसनीय बदलाव देखने की संभावना है. वो ये कि, किसान अपनी फसलें राज्य स्तर पर बेच सकेंगे. वे मुंबई और दिल्ली के बाजारों में अपनी फसल बेच सकेंगे. बता दें, अभी तक चंबल को डाकुओं और अपराध के लिए जाना जाता था. अपहरण और हत्या इस जगह की पहचान थी. इस एक्सप्रेस-वे के बनने से ये पहचान बदल जाएगी. लोगों को रोजगार मिलेगा और आजीविका के साधन मिलेंगे. इस बात को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी कह चुके हैं.

3 राज्यों से होकर गुजरेगा चंबल एक्सप्रेसवे

आपको बता दें कि चंबल एक्सप्रेस वे 3 राज्यों से होकर गुजरेगा जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान शामिल है। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 400 किलोमीटर और एक्सप्रेस-वे का निर्माण फोरलेन का होगा। वही भविष्य में यह छह लेन का प्रस्तावित किया है। इस एक्सप्रेस वे का नाम चंबल इसलिए दिया गया है क्योंकि यह एक्सप्रेस भी चंबल नदी के किनारे बनेगा।

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