
UP: अखिलेश के सिर फिर होगा कांटों भरा ताज, सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन कल
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav)ही होंगे लेकिन उनके लिए कांटो भरा ताज साबित होता जा रहा है।
सत्ता में वापसी अखिलेश यादव के लिए चुनौती
2017 में पहली बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अखिलेश
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (samajwadi party)का राष्ट्रीय अधिवेशन 29 सितंबर को लखनऊ में आयोजित होगा। इस बार भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav)ही होंगे लेकिन उनके लिए कांटो भरा ताज साबित होता जा रहा है।
लोकसभा चुनाव (loksabha chunav)में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ आरतियां पहले से भी अधिक होगी पहले नगरी निकाय(local election) और फिर लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की चुनौती। इस बीच समाजवादी पार्टी के कई दिग्गज नेता या तो दिवंगत हो चुके हैं या दूसरी पार्टी में चले गए ऐसे पिछली गलतियों से सीख लेते हुए अखिलेश को इस बार संगठन को नए सिरे से सक्रिय भी करना होगा।
UP MLC: भाजपा का माइक्रोप्लान तैयार, विधान परिषद की पांचों सीटें जीतने का लक्ष्य
सत्ता में वापसी अखिलेश यादव के लिए चुनौती
पिता मुलायम सिंह यादव(mulayam singh yadav) की विरासत संभालने अखिलेश यादव के सामने पार्टी में बड़े नेता बने रहने में कोई वादा नहीं है लेकिन उनके नेतृत्व में लगातार तीन चुनाव हारने के बाद उनके सामने नेतृत्व क्षमता साबित करने की चुनौती बड़ी होती जा रही है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री रहते अखिलेश यादव 1 जनवरी 2017 को विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन के जरिए पहली बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे या अधिवेशन अखिलेश्वर चाचा शिवपाल के बीच पार्टी में चल रहे हैं झगड़े के बीच हुआ था जिसमें नाम मुलायम और ना ही शिवपाल पहुंचे थे।
पार्टी के मुखिया बनने के बाद 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन किया और अपने हिसाब से टिकट दिए लेकिन पार्टी ने 47 सीटों पर सिमट कर रह गई लेकिन विधानसभा 2022 में यह आंकड़ा उन्होंने सौ के पार किया।