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उत्तराखंड में बेकाबू जंगल की आग ने गिराया वायु प्रदूषण स्तर, प्रदेशवासियों को करना पड़ रहा इन दिक़्क़तों का सामना

नैनीताल : उत्तराखंड में बेकाबू जंगलों की आग प्रदेश की आबोहवा गहरा असर डाला हैं । जिसके चलते सरोवर नगरी के नाम से मशहूर नैनीताल की हवा प्रदूषित हो गयी है। इसकी वजह से बीते गुरुवार को नैनीताल में धुंध का असर देखने को मिला है। यहां वायु प्रदूषण सामान्य दिनों की अपेक्षा दोगुने से अधिक पहुंच गया है।जंगलों में आग लगने का क्रम एक पखवाड़े से भी अधिक समय से जारी है।इसका वातावरण पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। गुरुवार को नगर में पार्टिकुलेटेड मैटर यानी पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रो घनमीटर पहुंच गया। जबकि सामान्य दिनों में नैनीताल सरीखे ऊंचाई वाले क्षेत्रों का यह स्तर 25 माइक्रो घनमीटर के आसपास रहता है।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वायुमंडलीय विज्ञानी डा. नरेन्द्र सि‍ंह ने जनाकारी देते हुए बताया कि, ” जंगल की आग के कारण वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इसके बढऩे का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से निरंतर जारी है। प्रदूषण बढ़ाने के पीछे धुएं के अलावा मैदानी भागों का प्रदूषण भी है, जो दिन में तापमान बढऩे के साथ ऊपर उठ जाता है। इससे नैनीताल समेत समीपवर्ती क्षेत्र में आसमान में ज्यादा ही धुंध छा रही है। जब तक बारिश नही होगी, तब तक वायु प्रदूषण का स्तर उठा ही रहेगा।”

पर्यटक वाहन का भी हो सकता है असर

नैनीताल में इन दिनों पर्यटक वाहनों का आवागमन भी बढ़ गया है। जिसके चलते पहाड़ी इलाकों में वायु प्रदूषण में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है। नैनीताल व मुक्तेश्वर समेत अन्य पर्यटन स्थल वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण से अब अछूते नहीं रहे। यह बड़ी चिंता का विषय है। हिमालय के करीब होने के कारण एरीज राज्य के सभी हिस्सों से वायु प्रदूषण की निगरानी कर रहा है।

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