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यूक्रेन: भूख, प्यास और ठंड ने पंजाब के छात्रों को बेसमेंट में छिपने को मजबूर 

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को डर के साए में रहना पड़ रहा है। बम धमाकों में भूख, प्यास और ठंड से उनकी तबीयत खराब होती जा रही है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विस्तार शिक्षा निदेशालय में कार्यरत राम निहाल पाठक की बेटी कौशिका छह दिनों से यूक्रेन के खार्किव मेट्रो स्टेशन पर फंसी हुई है।

सीएमसी अस्पताल के पीएमआर विभाग के प्रमुख डॉ. संतोष मातंगी का भतीजा प्रेम अपनी जान बचाने के लिए पांच दिनों से बेसमेंट में छिपा है। उसके कलेजे के टुकड़े ऐसी हालत में देख उसके परिजन भी परेशान हैं। माता-पिता ईश्वर से और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके बच्चों को इस संकट से निकाल कर वापस लाया जाए।

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