
ट्विन टावर तो ध्वस्त, अधिकारियों पर कार्यवाई कब?
ट्विन टावर की तरह सैकड़ों अवैध इमारतें, कार्रवाई शून्य
लखनऊ।
नोएडा के सेक्टर 93ए में बने सुपरटेक का अवैध ट्विन टावर ढहा दिया गया। वहीं, तो बिल्डर्स ने प्रदेश भर में अवैध इमारतों का ऐसा सम्राज्य खड़ा किया जिन पर कार्रवाई ही नहीं हो रही है! इससे भी बड़ी बात है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई एक्शन भी नहीं हो रहा है! ऐसे में भला अवैध निर्माण कैसे रुके यह बड़ा सवाल है? ताजनगरी आगरा में नोएडा के ट्विन टावर की तरह 400 से अधिक अवैध इमारतें हैं, जिन्हें जमींदोज करने के आदेश भी हो चुके हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) इनमें से एक भी अवैध निर्माण को अब तक ध्वस्त नहीं करा पाया है।
विश्व के सात अजूबों में शामिल ताजमहल सहित ताजनगरी के विभिन्न संरक्षित स्मारकों के 100 मीटर और बिना अनुमति 300 मीटर तक किए गए अवैध निर्माण पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) भी अब तक दो हजार से अधिक एफआइआर दर्ज करा चुका है। एएसआइ की इन बढ़ती एफआइआर को देखते हुए दिल्ली मुख्यालय अब तक ऐसी 410 अवैध इमारतों को तोड़ने के आदेश भी दे चुका है।
मजेदार बात तो यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर दायरे में अवैध निर्माण पर रोक लगा रखी है। फिर भी यहां ढाई हजार से अधिक अवैध निर्माण हो चुके हैं, जिनके खिलाफ संबंधित पुलिस थाने में एफआइआर भी कराई जा चुकी है। गौरतलब यह भी है कि कोरोना काल के दौरान भी भू-माफियाओं ने चोरी-छिपे 52 अवैध निर्माण करा डाले। इनकी भी एफआइआर कराई गई। इसके बावजूद इन इमारतों को बनाने वाले भूमाफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ताजमहल के आसपास बीते 10 वर्षों में इन अवैध निर्माणों के चलते दृश्यता भी काफी अधिक प्रभावित हुई है, जबकि संरक्षित स्मारकों के निकट एक मंजिल से अधिक ऊंचाई वाले भवनों के निर्माण की अनुमति नहीं है।
एएसआइ के सिकंदरा, फतेहपुर सीकरी और ताजमहल सबसर्किल में सबसे अधिक अवैध निर्माण हुए हैं। इतना ही नहीं मरियम का मकबरा, जोधाबाई की छतरी, सलावत खां-सादिक खां मकबरा और रामबाग, दिल्ली गेट एवं चौबुर्जी सहित अधिकांश संरक्षित स्मारक चारों तरफ से अवैध निर्माण से घिरे हुए हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिकंदरा टॉम्ब के ठीक सामने स्थित पेट्रोल पंप की भूमि पर 15 दुकानों का कॉम्पलेक्स निर्माण कुछ समय पहले ही किया गया है। इस काम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण के आदेश भी आ चुके हैं। इसी तरह पार्किंग के सामने बने टायर शोरूम, रेस्टोरेंट, 5 होटल्स और गेस्टहाउस पर भी एफआइआर के बाद ध्वस्तीकरण के आदेश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद ध्वस्तीकरण के आदेशों और एफआइआर वाले मामलों में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।