निचली अदालत ने विधायक जिग्नेश मेवाणी को सुनाई तीन महीने जेल की सजा, जानिये क्या पूरा मामला ?
गुजरात(Gujarat) के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी(MLA Jignesh Mevani) इन दिनों पूरी तरह से फंस चुके हैं। अभी हाल ही में जिग्नेश को असम पुलिस (Assam Police) ने जेल से रिहा किया था। इस बीच खबर आ रही है कि निचली अदालत ने तीन महीने जेल की सजा सुनाई है। जिग्नेश को इस बार 2017 में मेहसाणा में बिना इजाजत रैली निकालने की हैं। प्रशासन द्वारा रोक के बावजूद भी जिग्नेश मेवाणी और एनसीपी नेता रेशमा पटेल, सुबोध परमार ने मेहसाणा में आजादी कूच रैली निकाली थी। वहीं सुनवाई के दौरान आज अदालत ने इन्हें दोषी करार दिया और तीन महीने जेल की सजा सुनाई है। बता दें कि कोर्ट ने इस दौरान 12 लोगों सजा सुनाई है।
जानिए क्या है पूरा मामला
मामला 2 जुलाई 2017 में बिना इजाजत रैली करने का है जब जिग्नेश मेवाणी और एनसीपी नेता रेशमा पटेल, सुबोध परमार ने प्रशासन की रोक के बावजूद मेहसाणा में आजादी कूच रैली निकाली थी। जिग्नेश मेवाणी ने तत्कालीन छात्र नेता कन्हैया कुमार समेत अन्य लोगों के साथ ऊना में कोड़े मारने की घटना की पहली बरसी पर ‘फ्रीडम मार्च’ निकाला था। मेहसाणा जिला प्रशासन ने मेवाणी को मार्च निकालने की पूर्व में दी गई अनुमति को रद्द कर दिया था। मेहसाणा पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143 के तहत गैरकानूनी मार्च करने का मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने इन्हें दोषी करार देते हुए आज तीन महीने जेल की सजा सुनाई है।
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एक अभियुक्त की हुई मौत
मेहसाणा ‘ए’ डिवीजन पुलिस ने वर्ष 2017 के जुलाई महीने में मेहसाणा से बनासकांठा जिले के धनेरा तक बगैर अनुमति के ‘‘आजादी रैली’’ निकालने के लिए आईपीसी की धारा 143 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। रेशमा पटेल ने जब इस रैली में हिस्सा लिया था तब वह किसी राजनीतिक दल की सदस्य नहीं थीं। वह पाटीदार समाज को आरक्षण दिए जाने की समर्थक रही हैं और बतौर कार्यकर्ता उन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस मामले में कुल 12 लोगों को आरोपित किया गया था। इनमें से एक आरोपी की मौत हो गई है जबकि एक अभी भी फरार है।