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यात्रा : कृष्ण जन्माष्टमी पर इन जगहों पर जरूर जायें घूमने, कृष्ण से हो जायेगा प्रेम !

भारत में कृष्ण जन्माष्टमी बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। कृष्ण को प्रेम का स्वरूप माना जाता है। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की धूम ब्रज के मंदिरों में विशेष रूप से देखने को मिलती है। ब्रजमंडल के खास मंदिरों में जन्मोत्सव की खास धूम रहती है। ब्रज में 12 वन और कई उपवन है। इसमें मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, गोकुल, महावन, बलदेव, नन्दगांव, बरसाना, डीग और काम्यवन आदि भगवान श्रीकृष्ण के लीला-स्थल हैं।

मथुरा

उत्तर प्रदेश के मथुरा में कंस के कारागार में श्रीकृष्‍ण का जन्म हुआ था। आज उस स्थान को कृष्‍ण जन्मभूमि कहते हैं। जन्मभूमि के आधे स्थान पर मंदिर और आधे स्थान पर मस्जिद बनी हुई है। मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यहां का कृष्ण जन्मोत्सव देख  कर आप बड़े बड़े उत्सव भूल जायेंगे।

गोकुल

मथुरा की जेल में जन्म लेते ही श्रीकृष्‍ण गोकुल क्षेत्र में पहुंच गए थे जहां उनका बचपन गुजरा और कई असुरों का वध किया और देवों का उद्धार किया। मथुरा में यमुना के उस पार गोकुल ग्राम है। दुनिया के सबसे नटखट बालक ने वहां 11 साल 1 माह और 22 दिन गुजारे थे। यहां चौरासी खम्भों का मंदिर, नंदेश्वर महादेव, मथुरानाथ, द्वारिकानाथ आदि मंदिर हैं। परंतु यहां पर नंद भवन में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम रहती है। गोकुल के पास ही महावन और नंदगांव हैं।

वृंदावन

श्रीकृष्‍ण जब थोड़े बड़े हुए तो वृंदावन उनका प्रमुख लीला स्थली बन गया। उन्होंने यहां रास रचा और दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया। यहां भगवान बांकेबिहारी मंदिर में कृष्‍ण जन्मोत्सव की धूम रहती है। इसके अलावा यहां पर इस्कॉन मंदिर में भी भव्य रूप से जन्मोत्सव मनाया जाता है।

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