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यात्रा : अगर आप भी होना चाहते हैं त्रेता युग से रूबरू तो एक बार श्याम लैंड जरूर जायें

इतिहास के पन्नों को पलटने पर कई बार रामराज का जिक्र मिलता है। भारत में आजादी बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी रामराज स्थापित करने की मंशा की थी। त्रेता युग से रामराज का संबंध है। त्रेतायुग के बारे में सनातन धर्म में विस्तार से लिखा गया है। इतिहासकारों की मानें तो भगवान राम जी का जन्म त्रेतायुग में हुआ था।

ऐसा माना जाता है कि हर एक व्यक्ति रामराज में अपने राजा से हमेशा खुश रहते थे। किसी तरह की उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं होती थी। जबकि, मौजूदा समय में त्रेतायुग का निरीक्षण करना बहुत मुश्किल है। इसके बाद भी त्रेता युग की अगर आप सैर करना चाहते हैं उसे बारीकी से जानना चाहते है तो एक बार जरूर श्यामलैंड जाएं।

श्यामलैंड बेहद प्रसिद्ध स्थान है। वहां रहने वाले लोगों की मानें जाए तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम श्यामलैंड के कण-कण में बसे हैं। अगर आप श्यामलैंड के बारे में नहीं है, तो इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं-

जानकारों का मानना है कि, श्यामदेश पूर्वी एशिया में बने देश थाईलैंड को कहते है। कंबोडिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार से यह देश घिरा हुआ है। बैंकॉक थाईलैंड देश की राजधानी है। बैंकॉक से लगभग 60 किलोमीटर दूरी पर अयोध्या नगरी है। आज भी अयोध्या नगरी में रामराज स्थापित है। रामजी की विशेष पूजा अर्चना इस अयोध्या नगरी में की जाती है। वहां के लोग राजा को राम कहकर बुलाते हैं। थाईलैंड का राष्ट्रीय चिन्ह गरुड़ है और इस देश का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है।

मान्यता है कि थाईलैंड में भगवान विष्णु जी के अवतार वहां के राजा हैं। थाईलैंड का राष्ट्रीय चिन्ह इसलिए गरुड़ है। राजधानी बैंकॉक में बना सबसे बड़ा हॉल ‘रामायण हॉल’ है। रोजाना इस हाल में रामायण का नाट्य रूपांतरण होता है। भगवान राम की जीवनी को इसमें दिखाया जाता है। बैंकॉक में नवरात्रि में बहुत से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके सिवाय भगवान शिव तथा विष्णु तथा दूसरे देवी देवताओं के मंदिर बैंकॉक में हैं। वहां के निवासी जय श्री राम के जयकारे लगाते रहते हैं।

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