टोक्यो ओलंपिक 2020 : इस साल ये रहे भारत के ओलंपिक शो के सितारे
भारत ने ओलंपिक में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए इस बार एक स्वर्ण सहित सात पदक जीते। इस दौरे में चाहे भारत के हाथ केवल 7 पदक लगे, लेकिन बहुत से सितारे उभर कर आये।
नीरज चोपड़ा: गोल्ड
टोक्यो ओलंपिक के चोपड़ा ने स्वर्ण जीता। इस तरह जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय बने।चोपड़ा के 87.58 मीटर के थ्रो की बदौलत भारत को आखिरकार अपना पहला ट्रैक-एंड-फील्ड पदक विजेता मिला।
23 वर्षीय नीरज , भारतीय सेना में 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार हैं। उनकी अन्य उपलब्धियों में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक शामिल हैं, इसके अलावा 2017 एशियाई चैंपियनशिप में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
मीराबाई चानू: रजत
मीराबाई चानू ने प्रतियोगिताओं के पहले दिन ही भारत का खाता खोल कर रजत पदक अपने नाम किया। इस तरह ओलम्पिक में भारोत्तोलन में पदक के लिए भारत का 21 साल का इंतज़ार भी खत्म किया। 26 वर्षीय चानू ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) उठाया।
रवि दहिया: रजत
हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव में पैदा हुए 23 वर्षीय पहलवान रवि दहिया यूँ तो फाइनल मुकाबला नहीं जीत पाए लेकिन अपने असाधारण खेल से उन्होंने भारत के नाम एक रजत पदक किया। भारत अभी तक पिछले 4 ओलंपिक में रेस्लिंग में हर बार पदक ला रहा हैं।
पीवी सिंधु: कांस्य
टोक्यो ओलंपिक में पदक की सबसे मजबूत दावेदारों में से एक, पीवी सिंधु ने एक बार फिर से अच्छा प्रदर्शन किया। इस बार उन्होंने देश के लिए कांस्य पदक जीता। 26 वर्षीय सिंधु ने पांच साल पहले रियो डी जनेरियो में जीते रजत पदक जीता था। इस प्रकार ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला बनी।
पुरुष हॉकी टीम: कांस्य
चार दशकों का दर्द एक बार में मिट गया जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के अंतराल के बाद इस खेल में देश का 12वां ओलंपिक पदक – कांस्य पदक जीता।भारत हॉकी टीम का खिलाड़ा इस टूर्नामेंट के दौरान चमका। खासतौर पर गोलकीपर श्रीजेश दीवार बनकर खड़े रहें।
लवलीना बोर्गोहेन: कांस्य
अपने पहले ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करते हुए, बोर्गोहेन ने टोक्यो खेलों में भारत का एकमात्र मुक्केबाजी पदक कांस्य जीतकर भारतीय महिला मुक्केबाजी के इतिहास में अपना नाम दर्ज किया।
बजरंग पुनिया: कांस्य
बजरंग पुनिया से इस बार देश को स्वर्ण की आस थी। चोटिल होने के कारण स्वर्ण जीतने की उम्मीद तो वो पूरी नहीं कर पाए लेकिन देश के लिए कांस्य पदक लाकर उन्होंने अपना नाम इतिहास पर दर्ज किया।
महिला हॉकी टीम
रियो 2016 में सबसे निचले स्थान से समाप्त होने के बाद, भारतीय महिला टीम ने टोक्यो ओलंपिक में एक उल्लेखनीय खेल का प्रदर्शन करके चौथे स्थान पर अपनी जगह बनाई।
टीम का अपना पहला ओलंपिक पदक हासिल करने का सपना अधूरा रह गया लेकिन इस टीम ने खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक जीत, जिसमें वंदना कटारिया ने हैट्रिक लगाई, और एक अनुकूल परिणाम ने भारत को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने में मदद की। वहीँ ऑस्ट्रेलिया जैसी तगड़ी टीम को हराकर भारत की टीम ने सेमी फाइनल में प्रवेश किया। इस जीत की नायिका रही गुरजीत सिंह और गोल कीपर सविता पुनिया।
दीपक पुनिया
दीपक पुनिया केवल 10 सेकंड की वजह से अपना कांस्य पदक हार गए। लेकिन अपने असाधारण खेल से उन्होंने सबको प्रभावित किया। अगले ओलंपिक में उनपर भी नज़र रहेगी।
अदिति अशोक
अदिति अशोक ने पूरे देश को गोल्फ देखने पर मजबूर कर दिया। अदिति कोई पदक तो नहीं जीत पाई लेकिन वर्ल्ड 200 रैंक होने के बावजूद वो चौथे स्थान पर रहीं।
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