हरियाणा की पिंजौर स्थित गोशाला में अपनाई गई भ्रूण प्रत्यारोपण विधि गायों के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकती है। इस तकनीक को श्री कामधेनु गौशाला की 7 गायों में परीक्षण के तौर पर किया गया है। खास बात यह है कि इस विधि से पैदा होने वाली बछड़ी कम से कम 18 से 20 लीटर दूध दे सकेगी। इस तकनीक से होगा गौपालकों का फायदा|
बाता दें हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि यह तकनीक हिंदुस्तान की किसी भी गौ शाला में पहली बार अपनाई जाएगी।
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इस तकनीक से होगा गौपालकों का फायदा
साथ ही गर्ग ने बताया कि इस तकनीक से उत्पन्न गौवंश की बाजार में लाखों रुपये की कीमत मिलेगी, जिससे हरियाणा की गौशालाएं स्वावलंबी बनने की दिशा में अग्रसर होंगी। यह तकनीक गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा प्रारंभ की गई है।
गौरतलब हरियाणा गौसेवा आयोग के सचिव ने बताया कि इस एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी के तहत उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाली साहीवाल नस्ल की गाय का भ्रूण तैयार करके यहां गौशाला की 7 गाय में भ्रूण प्रत्यारोपण किया है। अभी आने वाले समय में और भी उच्च गुणवत्ता के भ्रूण तैयार करके प्रत्यारोपित किए जाएंगे।