
भारत का ये द्वीप दुनिया के खतरनाक जगहों में है शुमार, गए तो कभी वापिस नहीं आ पाओगे !
भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां मेहमान को भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन इसी देश में एक जगह ऐसी भी है जहां लोग मेहमानों के आने से डरते हैं। इस जगह जाने वाला कभी वापस नहीं आ पायेगा। ये जगह बंगाल की खाड़ी में स्थित अण्डमान निकोबार से कुछ दूर पश्चिमी इलाक़े में स्थित है। यहाँ एक आदिवासी प्रजाति रहती है । इस आदिवासी प्रजाति को ‘सेंटिनेल प्रजाति’ कहा जाता है। इस प्रजाति को मेहमान नही पसंद हैं ।
सेंटिनेल प्रजाति के लोग आज भी पुरापाषाण काल के लोगों जैसी ज़िन्दगी जीते हैं। ये लोग आज की दुनिया में भी निर्वस्त्र रहते हैं। तीर कमान से शिकार करते हैं, और साथ ही आग जलाकर जीवन जीते हैं। इस प्रजाति के लोगों की संख्या 500 से भी कम है। इस जगह के बारे में जानने के बाद भी कभी कोई यहाँ जाने की हिम्मत नही करता। वैसे भी भारत सरकार ने वहाँ जाने की इजाज़त नहीं दी है। 1956 में केन्द्र सरकार ने इस प्रजाति को संरक्षित रखने के लिए इस पूरे टापू के 3 मील के इलाक़े को प्रतिबन्धित कर रखा है।
बता दें कि, 2018 में अमेरिकी ईसाई मिशनरी का आदमी यहाँ के लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने गया था। उसने बोट वाले को घूस दी और 15 नवंबर को वो टापू पर पहुँचा। रिपोर्ट के मुताबिक़, उसने उनकी भाषा में उनसे कुछ बातचीत भी की थी। लेकिन जैसे ही उसने कुछ उपहार स्वरूप मछलियाँ दीं तो एक आदिवासी ने उसके सीने पर तीर चला दिया। और उसके बाद 17 नवंबर को उसकी लाश मिली।
2006 में इसी इलाक़े में दो मछुआरों की मौत हो चुकी है। उनका शव लेने के लिए जब फ़ौज गई तो उनके हैलीकॉप्टर पर वहाँ के लोगों ने तीर चलाए। इनसे जुड़ने की कोशिश कई बार की गई, लेकिन इस जनजाति के लिए आम लोगों से जुड़ना सही नहीं है और इनके द्वीप में जाने वाले किसी भी इंसान को ये मार डालते हैं।