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हिमाचल प्रदेश में मिला सांप का यह अदभुत प्रजाति

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की चुरा घाटी में सांप की एक नई प्रजाति मिली है। इसे वैज्ञानिक नाम “ओलिगोडोन चुराहेन्सिस” से मिला है तो इसका सामान्य नाम “चुरा वैली कुकरी” का अनुमान लगाया जा रहा हैं। लंबे संघर्ष के बाद 2 नवंबर, 2021 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांप की एक नई प्रजाति पर एक पेपर प्रकाशित हुआ है। नई प्रजातियों को खोजने में तीन शोधकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई। इसमें तिस्सा निवासी वीरेंद्र कुमार भारद्वाज हैं, जो वर्तमान में जीएनडीयू, अमृतसर में शोधकर्ता हैं। वह फिलहाल पीएचडी भी कर रहा है।

नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज के जीशान-ए-मिर्जा को इसका श्रेय दिया जाता है। इसके अलावा गुजरात में जैविक विज्ञान विभाग में काम करने वाले हर्षिल पटेल ने भी दुनिया में सांपों की नई प्रजातियों की खोज में अहम भूमिका निभाई है। गहन शोध के बाद, तीनों शोधकर्ताओं ने अगस्त में प्रकाशन के लिए लेख प्रस्तुत किया। चुरा के ठाणे कोटि में सांप की एक नई प्रजाति मिली है। यह सांप भूरे और भूरे रंग का होता है। नई प्रजाति गैर विषैले है। सांपों का मुख्य आहार पक्षियों और सांपों के अंडों में पाया जाता है।

वर्तमान में सांप की यह प्रजाति हिमाचल प्रदेश की चुरा घाटी में 1864 मीटर की ऊंचाई पर पाई गई है। निकट भविष्य में अन्य देशों में प्रजातियों की सूचना मिलने की उम्मीद है। हम आपको बता दें, सांप की नई प्रजाति पर फाइनल मुहर पेपर पब्लिश होने के बाद ही आएगी। इससे पहले दुनिया में उपलब्ध सांपों की प्रजातियों का डीएनए मिलान भी किया जाता था। जब डीएनए पृथ्वी पर पहले से उपलब्ध नहीं है, तो प्रजाति को नया माना जाता है।

ऐसे की जाती है सांपो की नई प्रजाति की खोज

नई प्रजाति का नाम आमतौर पर उस भौगोलिक स्थिति के नाम पर रखा जाता है जिसमें इसे पहली बार खोजा गया था। अतः इस प्रसंग में भी चुरा शब्द का प्रयोग किया गया है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बात करते हुए चंबा के राकेशेश्वर कपूर, जो राज्य में सांपों की प्रजातियों के बारे में भावुक हैं, ने कहा कि सांपों के समान और भी कई प्रजातियां हैं, लेकिन उन पर बैंड और रंग, लंबाई आदि। इसे औरों से अलग बनाएं। उन्होंने कहा कि गुजरात, कर्नाटक और हिमाचल के तीन शोधकर्ताओं की एक टीम ने नई प्रजातियों की खोज की है।

सांपों के एक सर्वेक्षण के दौरान इस प्रजाति का एक नमूना मिला था। इस पर डेढ़ साल से काम जारी है। रूपात्मक रूप से नई प्रजाति 60 से 80 सेमी की लंबाई तक बढ़ती है। सांपों की नई प्रजाति की लंबाई करीब 335 मिमी है। ऐसा लग रहा है कि नई प्रजातियां केवल ऊंचाई वाले इलाकों में ही मिलेंगी।

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