व्यस्त जीवनशैली की वजह से खड़ी हो सकती है ये दिक्कतें,जानिए क्या करें बचाव और उपचार
आमतौर पर माना जाता है कि इस व्यस्त जीवनशैली में महिलाओं को कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है कि, महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों को ज्य़ादा प्रभावित करती हैं।
पुरूषों को ज्यादा होती है हाई ब्लडप्रेशर की समस्या
हाई ब्लडप्रेशर में रक्तवाहिका नलिकाओं पर खून प्रवाह का दबाव बढ़ जाता है। जिसके कारण हृदय को ज्य़ादा तेज़ी से काम करना पड़ता है। सामान्य अवस्था में ब्लड प्रेशर की सीमा 100 से 140 mm hg होती है। लेकिन जब खून के दबाव इस अधिकतम सीमा से ऊपर हो जाता है। तो इसे हाईबीपी कहते हैं। हांलाकि इसके पीछे तनाव, अनिद्रा, जंक फूड, कॉफी, एल्कोहॉल और सिगरेट का सेवन बताया जाता है।
हाई ब्लडप्रेशर का बचाव
अगर आपको हाई ब्लडप्रेशर की समस्या है तो आप घी-तेल, मिर्च-मसाले और नमक का सीमित मात्रा में सेवन करें। इसके अलावा एल्कोहॉल और सिगरेट से दूर रहें। और नियमित एक्सरसाइज़ और वॉक करें। पर्याप्त नींद लें।
इन लक्षणों के होने पर कराएं इलाज
अगर आपको बेचैनी, घबराहट, चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छाना जैसे लक्षण दिखाई दें। तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। और ध्यान दें कि, अगर बीमारी की फैमिली हिस्ट्री रही है, तो बिना किसी लक्षण के भी साल में कम से कम दो बार अपना बीपी चेकअप जरूर कराएं।
बीपीएच की समस्या
बीपीएच यानी बिनाइन प्रोस्टैटिक हाइपरप्लेसिया एक ऐसी शारीरिक अवस्था है। जिसमें कुछ बुज़ुर्ग पुरुषों के प्रोस्टेट ग्लैंड का आकार बढऩे लगता है। इससे उनके यूरिनरी ट्रैक पर ज्यादा दबाव पड़ता है। और उन्हें बार-बार टॉयलेट जाने की ज़रूरत महसूस होती है। इसके अलावा यूरिन डिस्चार्ज के समय दर्द और गंभीर स्थितियों में यूरिन के साथ ब्लड आने की समस्या हो जाती है।
दवा से समस्या पर पाएं नियत्रंण
डॉक्टरों की माने तो इसका कोई ठोस इलाज नहीं है। लेकिन शुरूआती दौर में इसका पता चलते पर इसे रोका जरूर जा सकता है। शुरुआती दौर में इसके लक्षणों की पहचान कर, इसे दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है।
हाईब्लड प्रेशर से होता है हृदय रोग
हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण है हाई ब्लड प्रेशर बताया जाता है। अगर सही समय पर हाई ब्लडप्रेशर की समस्या को नियंत्रित नहीं किया जाए। तो इसकी वजह से व्यक्ति को दिल से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।
हृदय रोग के शुरूआती लक्षण
हार्ट की आर्टरी में ब्लॉकेज इसका सबसे प्रमुख लक्षण है। सीने के बायें हिस्से में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बोलते समय ज़ुबान का लड़खड़ाना और आंखों के आगे अंधेरा छा जाना आदि हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण हैं।
हृदय रोग से खुद को ऐसे बचाएं
हृदय रोग से बचने के लिए वसायुक्त चीज़ों से दूर रहें। क्योंकि इनका सेवन करने से आर्टरीज़ में बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल का जमाव हो जाता है। जो हार्ट अटैक के लिए जि़म्मेदार होता है। इससे बचने के लिए हमेशा खुश रहें। क्योंकि तनाव की स्थिति में हार्ट की ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं। जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है। और दिल का दौरा पडने की आशंका बढ़ जाती है।एक्सरसाइज़ और मॉर्निंग वॉक को अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से शामिल करें।
हार्ट अटैक आने पर करें प्राथमिक उपचार
अगर कभी व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण नजर आएं। प्राथमिक इलाज के तौर पर उसकी जीभ पर 300 एमजी. की एस्प्रिन की गोली रख दें। और उसे जल्द से जल्द हास्पिटल पहुंचाएं।