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” मुंबई के सार्वजनिक शौचालयों के बाहर होनी चाहिए महिला गार्ड” : पोस्को कोर्ट

मुंबई(Mumbai) के एक सार्वजनिक शौचालय(public toilets) में 7 साल की बच्ची को चूमने के लिए 21 वर्षीय सफाईकर्मी को दोषी ठहराते हुए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही अदालत ने कहा कि मलिन बस्तियां में सार्वजनिक शौचालयों पर महिला सुरक्षा गार्ड तैनात करने की आवश्यकता है।

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विशेष न्यायाधीश एचसी शेंडे ने अपने विस्तृत आदेश में, यौन अपराधों(sexual offenses) से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत कहा कि, “मुंबई में अभी भी एक मेट्रो शहर होने के बावजूद सबसे बड़ी झुग्गियां हैं और इन झुग्गियों में बहुत सारे छोटे घर हैं और जिसमें चलने के लिए कम जगह है। ये घर माचिस के आकार से बड़े नहीं हैं जैसा कि हम आमतौर पर देखते हैं और इसलिए यहां के लोग सरकार द्वारा बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करते हैं।”

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उन्होंने आगे कहा, “समस्या यह है कि ये शौचालय संख्या में कम हैं और हर किसी के घर के नजदीक नहीं हैं, इसलिए जब छोटे बच्चे इन शौचालयों का उपयोग करने जाते हैं तो कोई भरोसेमंद व्यक्ति उनके साथ होगा। कम से कम एक महिला चौकीदार को नियुक्त करने की आवश्यकता है। महिलाओं और विशेष रूप से नाबालिग बच्चों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सार्वजनिक शौचालय में एक महिला चौकीदार की आवश्यकता है। इसके अलावा बच्चों को उनके करीबी लोगों के साथ होना चाहिए ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।”

 

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