
काबुल से सकुशल लौटा चंदौली का सूरज, मोदी सरकार को परिवार ने कहा धन्यवाद
केंद्र सरकार के प्रयास की बदौलत IAF काबुल से सूरज को सही सलामत वापस ले आई है। सूरज के घरवालों की खुशी का ठिकाना ही नहीं है। खुशी के मारे पिता की आंखों में आंसू आ गए। वहीं, सूरज ने पिता का मुंह मीठा कर खुशी का इजहार किया।
चंदौली: यूपी के चंदौली से एक अच्छी खबर आ रही है। अफगानिस्तान के बिगड़े माहौल में फंसे चंदौली के अमोघपुर गांव निवासी सूरज चौहान सही सलामत घर वापस लौट आए हैं। केंद्र सरकार के प्रयास की बदौलत IAF काबुल से सूरज को सही सलामत वापस ले आई है।
सूरज के घरवालों की खुशी का ठिकाना ही नहीं है। खुशी के मारे पिता की आंखों में आंसू आ गए। वहीं, सूरज ने पिता का मुंह मीठा कर खुशी का इजहार किया। सूरज और उनके पिता ने केंद्र सरकार और मीडिया को धन्यवाद भी दिया है। साथ ही यह भी कहा कि अब वह कभी अफगानिस्तान नहीं जाएगा।
15 अगस्त को काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान गए इंडिया से कामगार फंस गए थे। उनके बीच में डर और दहशत का माहौल बन गया था। बड़ी संख्या में लोग वहां फंस हुए थे। जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील के अमोघपुर गांव निवासी सूरज चौहान भी जनवरी 2021 में काबुल की एक स्टील फैक्ट्री में वेल्डर का काम करने गए थे। तालिबान के हमले के बाद सूरज सहित यूपी के करीब 18 लोग फैक्ट्री में थे।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सूरज के परिजनों में हड़कंप मच गया था और पूरे परिवार में डर का माहौल था। हालांकि, सूरज से whatsapp पर वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क हो पा रहा था। इस दौरान सूरज के परिजनों ने भारत सरकार से गुहार लगाई थी कि सूरज को सकुशल अफगानिस्तान से भारत लाया जाए। केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत थी।
सरकार और मीडिया को किया शुक्रिया अदा
इस दौरान वायुसेना के विमान से 22 अगस्त रक्षाबंधन के दिन सूरज सहित उसके साथ फंसे 14 लोगों को काबुल से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस लाया गया। इसके बाद ट्रेन से सूरज अपने घर पहुंचा। सूरज को सकुशल देखकर घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
लकवा ग्रस्त पिता बुद्धि राम चौहान की आंखें अपने बेटे को सुरक्षित देख भर आईं। परिजन सहित पूरे मोहल्ले के लोग काफी खुश हैं और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं। सूरज के पिता बुद्धि राम चौहान ने भारत सरकार और मीडिया को धन्यवाद दिया।
‘तालिबान के कब्जे के बाद से लगातार डर का माहौल’
घरवालों का कहना है कि सभी लोगों का प्रयास रंग लाया और सूरज हमारे पास सुरक्षित आ गया। वहीं, सूरज ने कहा कि तालिबान के कब्जे के बाद जितने दिन वह काबुल में रहा, डर के माहौल में रहा।
हालांकि, फैक्ट्री मालिक उनकी मदद कर रहा था। बड़ी मशक्कत के बाद वह लोग एयरपोर्ट पहुंचे थे और वहां से वायुसेना के जहाज से भारत लौटे। सूरज ने कहा कि अपनी खुशी बयां नहीं कर सकता और जब तक जिएगा उसको देश के जवानों और सरकार की मदद याद याद रहेगी।
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