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UP की जनता को Yogi पर भरोसा: भाजपा ने जीतीं सभी 17 नगर निगम सीट, विपक्ष हुआ बेदम

अपराध पर शिकंजा और महिला सुरक्षा के आगे नहीं टिका विपक्ष का कोई भी मुद्दा

शैलेंद्र सिंह/लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी ने सभी 17 नगर निगम सीट जीतकर क्‍लीन स्‍वीप कर लिया है। शनिवार को सामने आए नतीजों में योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में बीजेपी ने सभी नगर निगमों में विराट जीत हासिल कर ली है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम का सूपड़ा साफ हो गया है। योगी आदित्‍यनाथ एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं। भाजपा की इस ऐतिहासिक और विराट जीत में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का रोल बहुत अहम रहा है।

नगरीय निकाय चुनाव में सियासत की शुरुआत ‘मिट्टी में मिला देंगे’ बयान से हुई और ‘नो कर्फ्यू-नो दंगा, यूपी में सब चंगा’ पर खत्म हुई। निकाय चुनाव तारीख के ऐलान से लेकर मतदान तक नेताओं के भाषण हर दिन चर्चा में रहे। इस चुनाव में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे अधिक 50 सभाएं और रोड शो किए। भाजपा ने प्रदेश अध्‍यक्ष सहित यूपी कैबिनेट के दोनों डिप्टी सीएम, मंत्री, सांसदों और विधायकों को मैदान में उतार दिया। सभी से बीजेपी सरकार की नीतियों-रीतियों का जनता के बीच प्रचार-प्रसार करने व भाजपा प्रत्‍याशियों के पक्ष में मतदान करने की अपील करने को कहा गया। हालांकि, इस दौरान सीएम योगी विपक्ष और माफियाओं पर आक्रामक तो रहे, लेकिन कहीं भी अतीक अहमद और अशरफ का नाम नहीं लिया। इस दौरान विपक्ष बीजेपी की तरह सक्रिय नहीं रह पाया। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ही अलीगढ़ और कानपुर सहित सात जिलों में जनसभाएं कीं और योगी सरकार को घेरा। इसके अलावा बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने तो लड़ाई लड़ी, लेकिन उनकी ओर से बड़े नेता चुनावी मैदान में नहीं नजर आए, जिसका नुकसान साफ तौर पर नजर आ रहा है।

योगी सरकार का सुशासन और डबल इंजन सरकार पर भरोसा

उत्‍तर प्रदेश की जनता डबल इंजन सरकार में भरोसा दिखा रही है। सीएम योगी आदित्‍यनाथ भी जनसभाओं में डबल इंजन सरकार का जिक्र करते रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान वह कहते रहे कि डबल इंजन सरकार के साथ ही अगर ट्रिपल इंजन सरकार बन जाएगी तो हर काम तेजी से होगा और विकास और तेजी पकड़ेगा। परिणाम के रूप में जनता इसे समझ भी गई। जब से प्रदेश की सत्‍ता में भाजपा सरकार आई है, विकास, रोजगार, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, अच्‍छी सड़कें, औद्योगिक विकास से लेकर आम जनता और सरकारी, गैर सरकारी कर्मचारियों की समस्‍याओं को खत्‍म करने को लेकर लगातार प्रयासरत रही है। योगी सरकार की इस कार्यशैली को जनता ने सराहा भी है और उसका फल उनको नगर निगम चुनाव में जीत दिलाकर दिया है।

प्रदेश से गुंडे-माफियाओं का अंत

यूपी निकाय चुनाव के दौरान सीएम योगी के बुलडोजर मॉडल की भी खूब चर्चा हुई। प्रदेश में कानपुर के चर्चित बिकरू कांड से अपराध व अपराधियों के खात्‍मे और अवैध संपत्तियों को ध्‍वस्‍त व जब्‍त करने की शुरू हुई बुलडोजर वाली कार्यवाही अब तक नहीं रुकी है। एनकाउंटर व बुलडोजर की कार्यवाही का ऐसा डर दिखा कि कई गुंडे-माफिया हाथों में ‘योगी जी हमें माफ कर दो’, ‘हमें गिरफ्तार कर लो’ जैसी तख्तियां लेकर हाजिर होने खुद थाने पहुंच गए। निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या हो गई और इसमें शामिल माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग पर जिस प्रकार से कार्रवाई हुई, निकाय चुनाव में जनता ने उस पर अपने वोट की मुहर लगा दी। दूसरी ओर माफिया मुख्तार अंसारी पर भी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। NCRB के आंकड़े भी प्रदेश में महिलाओं के प्रति कम होते अपराध बयां करते रहे हैं। मनचलों को सबक सिखाने और महिलाओं को सुरक्षित माहौल दिलाने की बातें भी निकाय चुनाव के मैदान में खासा चर्चा में रहीं। मुख्‍यमंत्री योगी भी जनसभाओं के दौरान इन मामलों की चर्चा करते दिखे।

महिला वोटर्स का समर्थन

योगी आदित्‍यनाथ सरकार के शासनकाल में सबसे पहले महिलाओं को परेशान करने वाले मनचलों पर शिकंजा कसा गया था, जिसे अबतक बरकरार रखा गया। प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्‍ध कराने के लिए पिंक बूथ कराया गया। घरेलू कामकाजी महिलाओं से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों तक महिलाओं के काम को फोकस में रखकर उनके विकास पर ध्‍यान दिया गया। महिलाओं के सशक्तिकरण और कल्याण के लिए महिला सामर्थ्य योजना, भ्रूण हत्याएं रोकने के लिए मुखबिर योजना, गरीब परिवार की बेटियों की शादी के लिए सामूहिक विवाह योजना, कन्या भ्रूण हत्या और लिंगानुपात को रोकने के लिए भाग्य लक्ष्मी योजना और उत्तर प्रदेश विधवा पेंशन योजना लागू कर योगी सरकार महिलाओं मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही। इसके अलावा भाजपा ने निकाय चुनाव में भी महिला प्रत्‍याशियों पर भरोसा जताया और नगर पंचायत सदस्‍य से लेकर नगर निगम की सीट तक कार्यकर्ताओं को तरजीह देते हुए चुनाव लड़ा दिया। इससे भी भाजपा को महिला वोटर्स का भरोसा हासिल हुआ।

मुस्लिम वोटर्स में सेंधमारी

शहरी निकाय चुनाव सपा और बसपा के लिए पश्चिमी यूपी में उनके नए प्रयोगों का टेस्ट था। खासकर अल्पसंख्यक वोटर्स की लामबंदी और सेंधमारी की कोशिश। राष्ट्रवाद के नारे के बूते भाजपा ने हिंदू वोट बैंक में अधिक से अधिक वोट हासिल करने में ताकत लगाई। वहीं, सपा, बसपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम द्वारा मुस्लिम वोटों में बंटवारे से भी बीजेपी का पलड़ा भारी रहा। विधानसभा चुनाव 2022 में तो सपा को अल्पसंख्यकों के वोट एकतरफा मिले थे, लेकिन वोटों का समीकरण न सधने के कारण बसपा एक सीट पर सिमट गई थी। ऐसे में माफिया अतीक अहमद के बेटे के एनकाउंटर और उसके बाद अतीक-अशरफ की हत्या पर जिस तरह का रुख दोनों पार्टियों ने अपनाया, उसे भी गोलबंदी की कवायद माना गया। इस मुद्दे पर उपजी सियासत का असर उन दोनों पार्टियों के पक्ष में न होकर भाजपा के पक्ष में दिखाई दिया, क्‍योंकि भाजपा नेता प्रयागराज की धरती को अतीक के आतंक से मुक्‍त कराने का बयान देते रहे। इसके अलावा बसपा ने मुस्लिम बहुल सीटों पर मुस्लिम प्रत्‍याशी उतारकर सपा के समीकरण में सेंधमारी करने का प्रयास किया और सपा ने नगर निगम की मेयर सीट पर ब्राह्मण-ओबीसी कार्ड खेला व चार ही मुस्लिम कैंडिडेट उतारे। बसपा के इस दांव से सहारनपुर से लेकर मेरठ और अलीगढ़ तक मुस्लिम वोट बंटता नजर आया। इस तरह मुस्लिम वोटों के बिखराव का सीधा फायदा बीजेपी को मिला। सपा के खिलाफ मुसलमान वोटों की नाराजगी का मुद्दा खासा गरमाया हुआ नजर आया। कई नगर निकायों में एआईएमआईएम और बसपा उम्मीदवार भी समीकरण को ध्वस्त करते दिखे, जिसका लाभ भाजपा को ही मिला।

स्‍मार्ट सिटी और मुफ्त राशन का लाभ

उत्‍तर प्रदेश में योगी सरकार में निवेश और कारोबार का बेहतर माहौल बना है। मोदी सरकार ने जो स्मार्ट सिटी बनाए, उसमें काम के लिए जमकर पैसा भी दिया। योगी सरकार ने स्‍मार्ट सिटी को लेकर जो काम किए, उससे जनता को बदलाव साफ नजर आया। शहरों का बदलता नक्‍शा और जनता को मिलने वाली सुविधाएं भी लोगों को खूब भायीं। भविष्य में और अच्छे कामों के लिए उसने एक बार फिर भाजपा को मौका देना ठीक समझा। सरकार के अच्छे कदमों ने जनता के मन में भाजपा के लिए जो विश्वास जगाया है, वह चुनाव में जीत के रूप में सामने आया है। इसके अलावा कोरोना काल की विषम परिस्थितियों से लेकर अब तक जिस तरह से प्रदेश की जनता को मुफ्त राशन उपलब्‍ध कराया गया, इसका भी सीधा लाभ भाजपा को जीत के रूप में मिला है।

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