नशा मुक्ति केंद्र का संचालक करता था दुष्कर्म , इसलिए मौका पा कर फरार हुई थी युवतियां
देहरादून : नशा मुक्ति केंद्र से भागी युवतियों ने खुलासा किया कि केंद्र का संचालक विद्यादत्त एक युवती के साथ दुष्कर्म करता था। बाकी के साथ भी उसने कई बार छेड़छाड़ की है। विरोध करने पर वार्डन द्वारा मारापीटा भी की जाती थी।
अभी कुछ समय पहले देहरादून स्थिति एक नशा केंद्र से 4 लड़कियों के भागने की खबर सामने आई थी। उसके बाद से ही पुलिस जांच में लगी हुई थी।
दो दिन बाद एक लड़की को बंजारावाला छेत्र से पकड़ा गया था। ये लड़की रात को अपने घर पहुंची थी। घर वालों ने उसे बहुत गालियां दी और वापिस जाने को कहा । तब ये युवती ने बहुत मुश्किल से बंजारावाला छेत्र में रात काटी । बाद में पुलिस द्वारा उसे पकड़ लिया गया। बाकी लड़कियां एक होटल में पाई गई।
पूछताछ के दौरान इन लड़कियों ने आपबीती सुनाई। उनमें से एक ने संचालक पर बार बार दुष्कर्म का आरोप लगाया बाकी ने भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया और बताया कि इसी कारण वो लोग वहां से भागे थे।
लड़की ने बतया कि संचालक उसे स्मैक का लालच देकर उसके साथ दुष्कर्म करता था। जब ये बात लड़की ने वार्डन को बताई तो वार्डन ने उल्टा उसे ही डंडों से पीट दिया। परेशान हो कर उन सब ने केंद्र से भागने की योजना बनाई और सफल हुए।
आरोपित संचालक नशा छुड़ाने के नाम पर पीड़ितों के परिवार वालों से प्रति व्यक्ति तीन से छह हजार रुपये फीस लेता था। जांच करने के बाद पता चला हैं कि केंद्र में मेडिकल की कोई सुविधा नहीं थी। यहां तक की कोई काउंसलर भी नहीं था। सेंटर में रह रहे युवक खुद खाना बनाते थे। संचालक उन्हें खुद बीड़ी और तंबाकू के पैकेट ला कर देता था।
जांच के बाद एक और हैरान करने वाली बात सामने आई हैं , पता चला है कि संचालक विद्यादत्त और वार्डन विभा एक समय पर खुद नशे के आदि थे।
बाद में एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हो कर उनकी लत छुटी। बाद में दोनों ने उसी केंद्र पर काम करना शुरू किया और आखिरकार अपना खुद का केंद्र खोल दिया।
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