विश्व के इकलौते गोपेश्वर महादेव के दर्शन के बिना नहीं पूरी होती ब्रज वृंदावन की यात्रा, यह है इस धाम की महत्ता
द्वापर में जब भगवान श्री कृष्ण मथुरा और वृंदावन में तरह-तरह की लीलाएं करते थे तो स्वर्ग में बैठे देवता भी उन लीलाओं का आनंद लेने के लिए धरती पर मानव रूप धारण करते थे।
मथुरा और वृंदावन भगवान कृष्ण की लीलाओं के लिए विख्यात है। द्वापर में जब भगवान श्री कृष्ण तरह-तरह की लीलाएं करते थे तो स्वर्ग में बैठे देवता भी उन लीलाओं का आनंद लेने के लिए धरती पर मानव रूप धारण करते थे। भगवान कृष्ण धरती पर गोपियों के साथ रास रचाते थे जो अपने आप में ही एक मनोरम दृश्य होता था।
एक बार श्री कृष्ण शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में महारास की लीला कर रहे थे महारास में महिलाओं के सिवा किसी भी पुरुष की जाने की अनुमति नहीं थी स्वर्ग से 35 कोटी के देवी देवता इस लीला में भाग लेने के लिए धरती पर आए। लेकिन उन्हें उस महारास में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं मिली और उन्हें वापस जाना पड़ा लेकिन भगवान शिव नहीं माने।
भगवान शिव के जिद करने पर माता पार्वती ने उन्हें यमुना देवी के पास भेज दिया जिन्होंने उनका सोलह श्रृंगार करके उन्हें हूबहू एक गोपी की तरह सजा दिया उसके बाद वह रास में शामिल हो गए। रास रचाते वक्त श्री कृष्ण ने हास परिहास करने के लिए महारास की लीला के बीच गोपियों का मुंह देखने को कहा तब भगवान शिव वहा से इधर उधर भागने लगे उसके बाद श्रीकृष्ण भगवान शिव को पहचान गए।
उसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने खुद शिवजी की पूजा की और राधा जी ने उन्हें वरदान दिया कि वह इस जगह पर गोपेश्वर महादेव के नाम से स्थापित हो जाएंगे और पूरे विश्व में विख्यात हो जाएंगे। तब से कालिन्दी के निकुंज के पास, वंशीवट के सामने भगवान शिवजी श्रीगोपेश्वर महादेव के नाम से यहां विराजमान है।
विश्व में इकलौता गोपेश्वर महादेव का मंदिर है जिनका सोलह श्रृंगार करके उन्हें सजाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन उन पर सोलह श्रृंगार करके उन्हें सजाया जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त ब्रज वृंदावन की यात्रा करने जाते हैं उनकी यात्रा तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक वह गोपेश्वर महादेव का दर्शन नहीं कर लेते।
मान्यता तो यह भी है कि जो भी सुहागिन स्त्रियां गोपेश्वर महादेव पर सोलह शृंगार अर्पण करती हैं उनके पति की आयु लंबी होती है।कोई भी व्यक्ति गोपेश्वर महादेव के दर्शन करता है और उनकी मन से पूजा करता है उनके सारे पाप भी नष्ट हो जाते है।
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