महामारी से अनाथ हुये मासुमों का सरकार ने थामा हाथ
किशोर न्याय अधिनियम2015 से मदद हुई संभव
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना काल के दौरान अनाथ हुये बच्चों की देखभाल का बीङा उठाया था। ।जिसके तहत उत्तर प्रदेश में 11 हजार 49 बच्चों को इस श्रेणी में सूची बद्ध किया है । जो इस कोरोना जैसी महामारी में अनाथ हो गये थे ।योगी सरकार ने इन बच्चों के लिये सभी मूलभूत सुविधायें मुहय्या करवा दी है ।जिससे की किसी भी बच्चे की देखभाल में कहीं से कमी न आ सके ।
योगी ने निभाया वादा
कोरोना काल के दौरान योगी सरकार ने एसे बच्चों को सरकारी मदद देने का वादा किया था ,जिन बच्चों के मां-बाप कोरोना के चलते अब इस दुनिया में नहीं है ।और अब उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है ,या फिर उनकी आर्थिक स्थिति भी इस लायक नहीं है ,जिससे की वो अपना य अपने भविष्य का ध्यान रख सके । योगी सरकार की मुहीम के तहत बाल विकास पुष्टाहार ने एसे 11 हजार से ज्यादा बच्चों को सूचीबद्ध करके उनके लिये 4 हजार रुपये प्रतिमाह का इंतजाम किया है । वहीं योगी सरकार आर्थिक रुप से कमजोर 5,284 बच्चों को 2500 रुपये प्रतिमाह सहायता के तौर पर दे रही है ।साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सामाजिक कठिनाईयों को समझते हुये उनकी पैत्रक सम्पत्ति की सुरक्षा का बीङा उठाया है ।
महिला कल्याण एंव बाल विकास पुष्टाहार पर है जिम्मेदारी
योगी के इन सभी वादों को पूरा कर रहा है सूबे का महिला कल्याण एंव बाल विकास पुष्टाहार मंत्रालय ।यूपी सरकार छोटे बच्चों को प्रशिक्षित विशेषज्ञों के माध्यम से ट्रामा कउंसिलिंग भी करवा रही है । जिससे की एसे बच्चे जो अपनों के जाने के बाद सदमें और तनाव में आ जाते है ,एसे बच्चों को इस तरह की ट्रॉमा कांऊसलिंग से मदद मिल सके । वहीं बङे बच्चों को जो की कक्षा 9 या उससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ने वाले है ,एसे 1060 बच्चों को सूची बद्ध करते हुये लैपटॉप की सुविधा प्रदान की गई है । एसे बच्चों को लैपटॉप का वितरण भी किया गया है।
किशोर न्याय अधिनियम2015 से मदद हुई संभव
उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी बच्चे को अनाथ होने का एहसास नहीं होने देना चाहती है । जिसकी जिम्मेदारी यूपी सरकार का महिला कल्याण एंव बाल विकास पुष्टाहार मंत्रालय निभा रहा है । इसके लिये किशोर न्याय अधिनियम2015 के तहत इस पर काम किया जा रहा है ।जिसमें की बालकों की देखरेख और संरक्षण शामिल है । कोरोना महामारी में अनाथ सभी बच्चों की देखभाल की अहम जिम्मेदारी किशोर न्याय बोर्ड व बाल कल्याण समितियों के माध्यम से विशेष रुप से निभाई जा रही है । साथ ही बच्चों के प्रकरणों में उनके पुर्नवास से संबंधित की सभी कार्यवाही की निगरानी के लिये एम.आई.एस. पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है ।