Uttar Pradesh

सफाई कर्मियों की तैनाती के खेल पर लगेगी रोक, कर्मचारियों को दिए गए 7000 स्मार्टफोन

अब ट्रेस होगी सफाई कर्मचारियों की लोकेशन, नहीं आ सकेंगे देरी से

चल रही सफाई कर्मचारियों की तैनाती के खेल पर अब रोक लग सकेगी। जिसके पहले चरण में सात हजार सफाईकर्मियों को स्मार्ट फोन दिया गया। जिससे अब सफाई कर्मचारियों की लोकेशन का पता चल सकेगा। कर्मचारी के देर से पहुंचने पर अधिकारियों के पास एक अलर्ट मैसेज आयेगा। इस फोन को कर्मचारी अपने निजी में भी उपयोग भी कर सकेंगे।

महापौर संयुक्ता भाटिया व नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने शुक्रवार को सफाई कर्मचारियों को स्मार्ट फोन देकर इस योजना का शुभारंभ किया है। इस मौके पर अपर नगर आयुक्त डा. अर्चना द्विवेदी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एसके रावत, जोनल अधिकारी-आठ संगीता कुमारी शामिल थीं।

नगर आयुक्त ने जानकारी दी कि सफाई कर्मियों की सीमा का निर्धारण कर मार्ग का आवंटन किया जाएगा। सीमा के निर्धारण से सफाई कर्मियों की मौजूदगी दर्ज की जाएगी जिससे यह सुनिक्षित किया जाएगा कि वो कर्मचारी सही समय पर अपने निधारित मार्ग पर उस क्षेत्र की सफाई कर रहा है या नहीं।

नई व्यवस्था से मिलेगा लाभ:

समय से न आने वाले और निर्धारित क्षेत्र से बाहर रहने वाले कर्मचारियों की सूचना कंट्रोल रूम को मिल जाएगी। सुपरवाइजर और उच्च अधिकारी सभी कर्मचारियों की लोकेशन से अवगत रहेंगे किसी भी कर्मचारी के पांच मिनट लेट पहुंचने पर पहला अलर्ट मैसेज और 15 मिनट लेट पर दूसरा अलर्ट मैसेज आ जाएगा कर्मचारी द्वारा निर्धारित सीमा को पूरा कवर न करने पर भी मैसेज आएगा और सफाई न होने पर शिकायत और सफाई होने पर उसकी रिपोर्ट तुरंत उपलब्ध हो सकेगी।

तबादले के विरोध में सामने आए स्वास्थ्य कर्मचारी:

तबादलों के विरोध में स्वास्थ्य कर्मचारी नाराज हो गए हैं। लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और नर्सिंग स्टाफ में किए गए ट्रांसफर में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने नई तबादला सूची बनाने की मांग करते हुए जल्दबाजी में किए गए तबादलों को निरस्त करने को कहा है।

परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि कर्मचारियों के ट्रांसफर में नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। जिसमे पति और पत्नी का अलग-अलग जिलों में तबादला कर दिया गया है और संगठन के पदाधिकारियों के भी तबादले कर दिए गए है। इसमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वाराणसी जिला अध्यक्ष शैलेंद्र ङ्क्षसह, मैनपुरी जिलाअध्यक्ष अवधेश ङ्क्षसह, पीलीभीत जिलाध्यक्ष बीसी यादव और रायबरेली के जिलाध्यक्ष राजेश ङ्क्षसह का दूसरे जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया है।

जनपदीय अधिकारियों द्वारा इनके पदाधिकारी होने की सूचना मिली थी, फिर भी कार्मिक विभाग के आदेश का पालन नहीं किया गया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि ट्रांसफर के नाम पर सिर्फ धन उगाही की गई है।

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