सामूहिक दुष्कर्म के मामले में वकील व दो साथियों को जिला न्यायधीश ने दिया दोषी करार
हरियाणा के सोनीपत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) शैलेंद्र सिंह ने रोहतक की एक महिला के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी वकील और उसके दो साथियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने तीनों को 20-20 साल कैद और 80-80 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई। इन तीनों पर राय थाने की सीमा में एक महिला को खेत में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। महिला कोर्ट में अपने बेटे के खिलाफ चल रहे मामले पर चर्चा करने वकील के पास गई थी।
पूरा मामला
रोहतक की रहने वाली महिला ने 15 नवंबर 2018 को राय थाने में बताया था कि उसके बेटे के खिलाफ मामला चल रहा है। जिसमें उन्हें अपने बेटे के लिए जमानत लेनी पड़ी थी। उन्होंने जमानत के लिए वकील दिनेश से संपर्क किया था। उसने दिनेश को मामले से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराए थे। उनके बेटे को जमानत नहीं मिल पाई। इसलिए उसने दिनेश से अपने दस्तावेज वापस करने को कहा। इस पर दिनेश ने नौ नवंबर 2018 को बहलगढ़ आने को कहा था। बहलगढ़ पहुंचने के बाद जब दिनेश ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वह इस समय यमुना किनारे एक खेत में हैं।
उन्होंने कहा कि मैं उनके सहयोगी राहुल को बाइक पर भेज रहा हूं, चलो उनके साथ बैठते हैं। महिला ने कहा था कि राहुल नाम का युवक दुपहिया वाहन से बहलगढ़ आया था। वहां से वह उसे साइकिल पर सवार कर यमुना तक ले गया। वहां वह उसे खेत के एक कमरे में ले गया। जहां एडवोकेट दिनेश और जयबीर नाम का युवक पहले से मौजूद था। दिनेश और राहुल ने खेत में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। साथ ही जयबीर ने फ्लर्ट भी किया। जान से मारने की धमकी भी दी। आरोपी के चंगुल से निकलकर वह रोहतक पहुंची।
एसपी कार्यालय में दर्ज हुआ शिकायत
इस बात की जानकारी उन्होंने परिवार को भी दी। वह अपने परिजनों के साथ एसपी के कार्यालय आई और शिकायत दर्ज कराई। वहां से उसे राय थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा गया। इसके बाद राय ठाणे थाने पहुंचे। जांच के बाद राय थाने में सामूहिक दुष्कर्म, छेड़छाड़ और जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज किया गया है।
अदालत ने सुजाई सजा
आरोपी को राय थाने के तत्कालीन प्रभारी कुलदीप देशवाल की टीम ने गिरफ्तार किया है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान एएसजे शैलेंद्र सिंह की अदालत ने तीनों को दोषी करार देते हुए 20-20 साल कैद और 80-80 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।