नई दिल्ली : अफगानिस्तान में बदलती राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर अब भारत में भी सियासत गरमाने लगी है। भारत के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का मानना है कि देश के केंद्र सरकार को तालिबानी सरकार के साथ पहले ही जुड़ जाना चाहिए था। अफगानिस्तान जैसा क्षेत्र हम चीन और पाकिस्तान के लिए ऐसे खुला नहीं छोड़ सकते हैं।
पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कहा कि अगर तालिबान इस युद्धग्रस्त देश में एक विकासपरक और जिम्मेदार सरकार के तौर पर काम करता है तो मैं उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने का समर्थन करता हूं।
मीडिया से एक सम्बोधन में उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस समय ‘देखो और इंतजार करो’ की रणनीति अपनानी चाहिए। मगर सरकार को यह भी नहीं बी भूलना चाहिए कि तालिबान जिसने सत्ता हासिल की है, उन लोगों से काफी बेहतर नजर आ रहा है जिन्होंने अफगानिस्तान पर पिछले दो दशकों में शासन किया है। नटवर सिंह ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के काफी करीब था जो अब भाग चुके हैं। अब स्थिति बहुत तेजी से बदल गई है।
उन्होंने कहा कि स्थिति पूरी तरह भारत के खिलाफ नहीं है, लेकिन मित्रता की एक झलक गायब हो गई है। यही वजह है कि भारत सरकार बहुत ज्यादा सावधान बरत रही है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या भारत को तालिबान के साथ पहले ही जुड़ जाना चाहिए था, तो उन्होंने इससे सहमति जताई।
उन्होंने कहा, ‘अगर मैं विदेश मंत्री होता तो मैं उनसे संपर्क करता। मैंने खुफिया एजेंसी से कहा होता कि जल्द से जल्द उनके साथ संपर्क स्थापित करें। उन्होंने कहा कि भारत को तालिबान से संपर्क करना चाहिए था, क्योंकि हम पाकिस्तान और चीन के लिए यह क्षेत्र खुला नहीं छोड़ सकते हैं।’
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, बता दें कि यूपीए-1 सरकार में विदेश मंत्री रहे नटवर सिंह कई वरिष्ठ राजनयिक पदों के साथ पाकिस्तान में भारत के राजदूत के पद पर भी अपना कार्यभार संभाल चुके हैं।