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मारबर्ग वायरस का अफ्रीका में आतंक, तेजी से लोगों को ले रहा अपनी गिरफ्त में

बता दें कि दो महीने पहले ही गिनी में डब्ल्यूएचओ ने इबोला वायरस के खत्म होने का घोषणा की थी।

कोरोना का आतंक अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि एक दूसरे खतरनाक वायरस का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है। कोरोना से जूझ रही दुनिया के सामने ये वायरस चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गिनी में मारबर्ग वायरस (Marburg virus) के फैलने की जानकारी दी है। अफ्रीका के डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मात्शिदिसो मोएती ने कहा, “मारबर्ग वायरस को दूर-दूर तक फैलने से रोकने के लिए हमें इसे अपने ट्रैक में रोकने की जरूरत है।”

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि पश्चिमी अफ्रीका में यह अब तक का पहला मामला सामने आया है। यह एक बेहद जानलेना वायरस है जो ईबोला से संबंधित है और कोरोना की तरह जानवरों से इंसानों में ट्रांसफर हुआ है। मारबर्ग वायरस भी चमगादड़ों से फैलता है और इसकी इसकी मृत्यु दर 88 प्रतिशत तक होती है। दो अगस्त को दक्षिणी गुएकेडौ प्रान्त में एक मरीज की मौत हो गई थी। उसी के नमूनों में इस वायरस को पाया गया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस व्यक्ति में इबोला नहीं मिला लेकिम मारबर्ग वायरस मिला है। बता दें कि दो महीने पहले ही गिनी में डब्ल्यूएचओ ने इबोला वायरस के खत्म होने का घोषणा की थी। पिछले साल यहां इबोला की शुरुआत हुई थी, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई थी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार जब एक बार कोई व्यक्ति इसके संपर्क में आ जाता है उसके बाद शारीर से निकलने वाले तरल पदार्थ,  दूषित सतहों और सामग्रियों के संपर्क में आने से फैलता है।

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