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मुंबई की तर्ज पर यूपी में लागू होगी टीडीआर योजना, ये होगा फायदा!

जमीन के लिए आकर्षक योजना लाने की यूपी सरकार तैयारी में हैं। ट्रांसफरेबल डवलपमेंट राइट (टीडीआर) व्यवस्था वह मुंबई की तर्ज पर इसके लिए किसानों से जमीन लेने के लिए लागू करने जा रही है।

जिससे जमीन जबरिया या फिर कम दाम पर लेने की नौबत ही नहीं आएगी। बाजार की दर पर किसानों से जमीनें ली जाएंगी। जो एग्रीमेंट उनसे जमीन लेने के लिया किया जाएगा। समय-समय पर उसकी कीमत बढ़ती रहेगी।

रियल इस्टेट इंडस्ट्री के लिए एक प्रकार से टीडीआर कच्चा माल माना जाता है। किसान या जमीन मालिकों को आवासीय योजनाओं के लिए विकास प्राधिकरण अथवा आवास विकास परिषद को जमीनों का अधिग्रहण करने पर मुआवजा देना होता है।

बाजार दरों से यह सरकारी मुआवजा बहुत कम होता है। इसीलिए टीडीआर की व्यवस्था लागू हो रही है। जमीन मालिकों को एक प्रकार के सर्टिफिकेट के रूप में यह दिया जाएगा। बाजार में वर्तमान दर पर किसान इसे बेच सकेगा।

आवास विभाग का कहना है कि शहरी क्षेत्रों के सटे हुए गांवों में नई व्यवस्था से विकास प्राधिकरण तथा आवास विकास परिषद को जमीन मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। जब उनके मन-मुताबिक किसानों को पैसा मिलेगा तभी वह जमीन देने को तैयार होंगे।

प्रदेश के ज्यादातर विकास प्राधिकरण की स्थिति बहुत खराब है। जमीन व्यवस्था ज्यादातर विकास प्राधिकरण के पास नहीं है। वे योजनाएं इसके चलते नहीं ला पा रहे हैं। इस प्रस्ताव का उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत हो चुका है। कैबिनेट से पास कराने इसे जल्द ही तैयारी है।

योजना लाने के लिए प्रदेश के 10 विकास प्राधिकरणों के पास जमीन उपलब्ध नहीं है। लैंड बैंक शून्य बागपत, बस्ती, बुलंदशहर, झांसी, मिर्जापुर, मुरादाबाद, रामपुर, वाराणसी, कपिलवस्तु व चित्रकूट विकास प्राधिकरण के पास है। तीन हेक्टेयर से भी कम जमीन आजमगढ़, फिरोजाबाद, खुर्जा, मुजफ्फरनगर, उरई व सहारनपुर व कुशीनगर विकास प्राधिकरण के पास है।

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