तालिबान ने भारत के लिए भेजा संदेश, की अंतराष्ट्रीय समुदाय से आर्थिक मदद मांग
तालिबान की 20 साल बाद अफगानिस्तान में वापसी से दुनिया भर के देश परेशान हैं। अफगानिस्तान के कब्जे से तालिबान एक बार फिर आतंक को बढ़ाने की पूरी कोशिश करेगा। काबुल पर कब्जा करने के बाद भी तालिबान सरकार बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। अंतराष्ट्रीय समुदाय से आर्थिक मदद की अपील की है। और भारत के लिए भी एक संदेश भेजा है।
एक इंटरव्यू में तालिबानी प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने कहा कि अगर भारत की परियोजनाएं अफगानिस्तान में अधूरी हैं तो वे इसे पूरा कर सकते हैं। अफगानिस्तान के लोगों के लिए अच्छी हैं और जो अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण में योगदान करती हैं, अगर वे अधूरी हैं तो वे इसे पूरा कर सकते हैं। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि हम जिस चीज का विरोध कर रहे हैं, वह यह है कि भारत गनी सरकार का पक्ष लेता रहा है।
हम पिछले 20 साल से यही चाहते हैं कि भारत समेत सभी देशों का संबंध अफगानिस्तान के लोगों से हो और उन्हें अफगानिस्तान के लोगों की मंशा को भी स्वीकार करना चाहिए। यही हमारी बात और हमारी स्थिति थी और हमने हमेशा कहा है कि किसी को भी उस कठपुतली सरकार (गनी सरकार) का पक्ष नहीं लेना चाहिए। उन्हें अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करना चाहिए।
विकास कार्यों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भागीदारी को लेकर तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि यह एक नया अध्याय है और अफगानिस्तान के लोगों को मदद की जरूरत है। अफगानिस्तान के लोगों को उनके जीवन के निर्माण और अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए सभी देशों को आर्थिक रूप से मदद करनी चाहिए। फिर हमारे अन्य देशों के साथ भी अच्छे संबंध होंगे। अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए आगे आना उनकी मानवीय मजबूरी भी है क्योंकि 70% गरीबी रेखा से नीचे हैं।
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