
सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता मौत मामले में जारी किए निर्देश, जांच पैनल तैयार करेगी मेडिकल बोर्ड
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत पर तथ्यों को इकट्ठा करने के लिए गठित जांच आयोग की मदद के लिए नई दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक को डॉक्टरों और विशेषज्ञों का एक पैनल बनाने का आदेश दिया गया है। ये आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया। दरअसल तमिलनाडु सरकार ने 25 सितंबर, 2017 को मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. अरुमुघस्वामी की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया था।
न्यायमूर्ति एसए नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने एम्स, नई दिल्ली के निदेशक को जयललिता का इलाज कर रहे डॉक्टरों और विशेषज्ञों के एक पैनल को लिस्ट बनाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि “हमारा यह भी विचार है कि मामले के निपटारे में आयोग की सहायता के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करना उचित है।” पीठ ने यह भी कहा, कि, ” गठित किए गए मेडिकल बोर्ड को कार्यवाही के पूरे रिकॉर्ड आयोग को सौंपने होंगे। इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने 4 अप्रैल, 2019 को जयललिता की मौत की जांच के लिए गठित एक जांच आयोग पर अपोलो अस्पताल की आपत्तियों को खारिज कर दिया था।
अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने 5 दिसंबर, 2016 को अपोलो अस्पताल में जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच के लिए जांच आयोग का गठन किया था। सरकार ने विभिन्न लोगों के संदेह का हवाला देते हुए, अन्नाद्रमुक सुप्रीमो की मौत को संदिग्ध मानते हुए जांच आयोग का गठन किया था। बता दें कि 22 सितंबर, 2016 को जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।