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बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध : सीएम
बुंदेलखंड में प्राप्ति खेती के बढ़ाने के लिए 7 जिलों में प्राची खेती को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार अपने
# मंडियों में प्राकृतिक खेती के अनाज की होगी ब्रांडिंग
# 18 मंडलों में बनेंगे टेस्टिंग लैब: सीएम योगी
# नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने प्राकृतिक खेती को लेकर किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा
# प्रदेश में एक बड़े भू-भाग में हम लोग प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ा रहे और उसके बड़े अच्छे और चमत्कारिक परिणाम हमें देखने को मिले हैं: योगी
लखनऊ: देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती से जो खानदान उत्पन्न हो रहा है उसके लिए सभी 18 मंडलों में पहले चरण में टेस्टिंग लैब स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राथमिक खेती के किसानों को उचित दाम मिल सके इसके लिए मंडी में अलग से व्यवस्था बनाकर मार्केटिंग के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं बुंदेलखंड में प्राप्ति खेती के बढ़ाने के लिए 7 जिलों में प्राची खेती को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है।
आपको बता दूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में सहभागिता करते हुए बातें कहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नीति आयोग में दो आधारित प्राप्ति खेती और इनोवेटिव एग्रीकल्चर विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ सुझाव दिए।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि हम आभारी हैं कि केंद्रीय बजट में भी प्राप्ति खेती को स्थान दिया गया है। मुझे बताते हुए यह प्रसन्नता हो रही है कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हमने 2020 में नमामि गंगे यात्रा निकाली थी जिसके बाद हमने प्रदेश में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें 700 से अधिक प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया था जिसके चलते प्रदेश के एक बड़े भूभाग के लोग प्राप्ति खेती को आगे बढ़ा रहे हैं और उसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि जब 16 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा प्राकृतिक खेती पर संवाद किया गया था उस समय प्रदेश के 1000 से अधिक किसानों समेत प्रदेश के सभी 825 विकास खंडों में 165000 किसान प्राकृतिक खेती से सीधे जुड़े। वही अब प्रदेश में सरकार अनेक ऐसे कार्यक्रम चला रही है जिससे प्रकृति में किसानों को प्रति खेती के माध्यम से अपनी लागत को कम करके उसकी आमदनी को बढ़ाया जाए।