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उधार के पैसों से शुरू की गई “सोनी” कॉरपोरेशन , कैसे बनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी टीवी निर्माता

हारना सबसे बुरी विफलता नहीं है बल्कि कोशिश न करना सबसे बड़ी विफलता है । ये कहानी है जापान की मल्टी नेशनल कंपनी “सोनी” कॉरपोरेशन ( Sony corporation ) की , जिसके टेक्नोलॉजी पर आज कोई भी आंख मूंद कर भी विश्वास कर लेता है । सोनी के बहुत ही कम उत्पाद ऐसे होंगे जिसने लोगों को निराश किया हो वहीं इसके साउंड सिस्टम की तो बात ही कुछ और होती है । वर्ष 2016 तक के आंकड़ों के अनुसार सोनी विश्व की 5 वीं सबसे बड़ी टीवी बनाने वाली कंपनी बन गई थी । इस कंपनी को वर्ष 2020 की फॉर्च्यून ग्लोबल 500 की सूची में 115 वां रैंक दिया गया था । सोनी कॉरपोरेशन सोनी मोबाइल , सोनी पिक्चर्स और सोनी फाइनेंस सर्विसेज जैसे बहुत सारे अलग अलग रूपों में बटी हुई है ।

Sony corporation

प्रारंभिक दौर

सोनी कॉरपोरेशन कंपनी की शुरुआत ऐसे समय में हुई थी जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध से जूझ रही थी । उसी समय अपनी आंखों में सुनहरे भविष्य के सपने संजोए मसारू इबुका और एकिओ मोरिटा ने सोनी कंपनी की नीव रखी थी । मसारू इबुका अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद टोक्यो में रेडियो रिपेयरिंग की दुकान चलाते थे । उसी बीच उनकी मुलाकात हुई थी एकिओ मोरिटा से जो उम्र में उनसे 13 वर्ष छोटे थे । फिर दोनों ने साथ मिल कर एक व्यवसाय शुरू करने का मन बनाया ।

वर्ष 1946 में 500 डॉलर का कर्ज लेकर उन्होंने “टोक्यो टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन” की स्थापना की । यह उनकी कंपनी का अंग्रेजी नाम था , उनकी कंपनी का जापानी नाम “टोक्यो तसुशीन कोगयो” था । इस कंपनी ने अपना पहला उत्पाद राइस कुकर बनाया लेकिन वह कुछ खास सफल नहीं हो सका । कंपनी ने कुल 6,500 डॉलर का सामान बेचा लेकिन उन्हें सिर्फ 300 डॉलर का फायदा ही हो सका था । इस उत्पाद के सफल न होने का एक कारण यह भी था की उस कुकर में या तो चावला ज्यादा पक जाते थे या कच्चे ही रह जाते थे । इस उत्पाद के असफल हो जाने के बाद उन दोनो ने कुछ नया करने का सोचा ।

उन्होंने ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल कर एक टेप रिकॉर्डर बनाया , जिसे वर्ष 1950 में लॉन्च लिया गया । हालांकि वह उत्पाद भी शुरू में नाकामयाब होती दिखाई दे रही थी क्योंकि तब तक वह जापान के लोगों के लिए बिलकुल ही नई चीज़ थी और उसके इस्तेमाल को लोग समझ ही नहीं पा रहे थे । इसलिए मसारू इबुका और एकिओ मोरिटा ने कुछ टेप रिफॉर्डर्स को निशुल्क बांटा और उसकी खूबियों को लोगों को अच्छे से समझाया । जिसके बाद से कॉरपोरेट कंपनीज और मीडिया घरों से कंपनी को खूब ऑर्डर मिलने शुरू हो गए थे ।

“सोनी” कॉरपोरेशन की स्थापना एवं सफलता

उनके बढ़ते प्रोडक्शन के हिसाब से कंपनी को नई जगह शिफ्ट करना पड़ा । धीरे धीरे कंपनी प्रसिद्ध होती चली जा रही थी । लेकिन बाहर देशों में लोगों को इसका नाम लेने में बहुत दिक्कत होती थी इसलिए कंपनी ने अपना नाम बदल कर “सोनी” रख लिया । सोनी नाम की संकल्पना दो शब्दों को मिला कर बनी हुई है , पहला “साउंड” और दूसरा “सोनी” । “सोनी” उन दिनों अमेरिकी में जवान लड़कों को कहा जाता था । यह शब्द युवा भागीदारों मसारू इबुका और एकिओ मोरिटा पर भी बिलकुल सटीक बैठती थी ।

कंपनी का नाम बदलने के बाद सोनी ब्रांड का पहला उत्पाद टीआर–55 ट्रांजिस्टर रेडियो , वर्ष 1955 में लॉन्च किया गया था । यह उस समय तक का सबसे छोटा और ठोस रेडियो हुआ करता था , जिसे लोगों ने भी खूब पसंद भी किया । उस रेडियो की वजह से सोनी की बिक्री 1,000 गुना तक बढ़ गई थी । आगे भी सोनी लोगों की जरूरतों के हिसाब से उत्पाद बनाता रह । वर्ष 1962 में सोनी की माइक्रो टीवी आई , तो वर्ष 1968 में इस कंपनी ने टेप रिकॉर्डर भी लॉन्च किया । ऐसे ही कुछ और उत्पाद बनाने के बाद उन्होंने वर्ष 1979 में एक टेप प्लेयर भी लॉन्च किया और उसका नाम उन्होंने वॉक मैन रखा । आगे चल कर वह इतना ज्यादा प्रसिद्ध हुआ की अगर दूसरी कंपनियां भी कुछ इसी तरह का मिलता जुलता टेप बनातीं तो उसे भी लोग वॉक मैन ही कहते थे ।


हालांकि वर्ष 1980 के आस पास पूरे विश्व में मंदी की वजह से सोनी कॉरपोरेशन कंपनी को भी काफी नुकसान झेलना पड़ा था । लेकिन सोनी ने कभी भी हार नहीं माना । आगे चल कर वर्ष 1982 में उन्होंने सीडी प्लेयर लॉन्च किया । उसी वर्ष उनके द्वारा पहला वीडियो कैमरा भी लाया गया था । आज के समय में सोनी कॉरपोरेशन कंपनी प्ले स्टेशन , स्मार्ट फोन्स , लैपटॉप , टीवी , वीडियो रिकॉर्डर और साउंड सिस्टम जैसे बहुत सारे उत्पादों पर अपनी पकड़ बनाई हुई है । साथ ही साथ कंपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए नई नई खोज करने में भी लगी हुई है

सोनी , इमेज सेंसर मार्केट में अपनी 55% बाजार हिस्सेदारी के साथ इमेज सेंसर की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है , दूसरी सबसे बड़ी कैमरा निर्माता है और यह सेमीकंडक्टर सेल्स लीडर्स में से भी एक है । यह कम से कम 55 इंच के टेलीविजन के लिए प्रीमियम टीवी बाजार में दुनिया का सबसे बड़ी खिलाड़ी बन गई है । इसकी कीमत 2,500 डॉलर से अधिक है और साथ ही बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से यह दूसरी सबसे बड़ी टीवी ब्रांड है । वर्ष 2020 में सोनी के वार्षिक बिक्री के आंकड़ों के अनुसार यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी टेलीविजन निर्माता बन गई है ।
कंपनी का नारा “बी मूव” है । उनके पूर्व के नारे “द वन एंड ओनली” (1979–82) , “इट्स ए सोनी” (1982–05) , “लाइक नो अदर” (2014–09) और “मेक बिलीव” (2009–13) थे ।

यह भी पढ़े : दुनिया छोड़ने के बाद भी लोग याद करते हैं उसके संघर्ष भरी सफलता की कहानी

कामयाबी की एक नई इतिहास रचने के बाद वर्ष 1997 में मसारू इबुका और वर्ष 1999 में एकिओ मोरिटा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था । फिलहाल इस कंपनी की कमान कंपनी के सीईओ काज हिराई के हाथों में है ।
वर्ष 2017 में सोनी का सालाना राजस्व 68 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो गया था ।
रेडियो रिपेयरिंग से शुरू होकर सोनी कॉरपोरेशन आज के समय में लगभग हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही है । सोनी कॉरपोरेशन कंपनी ने यह बता दिया की अगर लोगों के जरूरतों को ध्यान में रख कर कार्य किया जाए तो कोई भी व्यक्ति मार्केट पर राज कर सकता है ।

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