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क्या है सोलर चरखा अभियान ? क्या हैं इसका उद्देश्य

भारत देश में बेरोजगारी हमेशा से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है। हमारे देश में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या और ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह समस्या और भी गंभीर है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बन गया है क्योंकि गाँव में रहने वाले कई ऐसे लोग हैं जो शिल्पकार भी है, लेकिन बेहतर प्रशिक्षण एवं उनकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्हें बेरोजगारी में रहना पड़ता है।कारीगर लोग जो गाँव में रहते हैं उनके लिए तो हालात और भी बुरे हैं और इसी वजह से उन्हें कोई काम नहीं मिल पाता है।

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लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए और खास तौर पर खादी को बढ़ावा देने के लिए भारत की सरकार ने एक और नए अभियान की शुरुआत की है जिसका नाम सोलर चरखा अभियान है। आज हम आपको सरकार द्वारा शुरू की गई इसे योजना के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं और साथ ही साथ यह भी बताएंगे आप इस अभियान किस प्रकार फायदा उठा सकते हैं।

क्या है अभियान?

भारत की सरकार द्वारा भारत देश में रोजगार को उत्पन्न करने के लिए हमेशा से ही प्रयास किए जाते रहे हैं। भारत में बेरोजगारी की परेशानी हमेशा से ही थी जिसके लिए सरकार ने लगातार नई योजनाओं को आरंभ किया। ऐसे ही भारत देश में खाने का उत्पादन बढ़ाना भी बहुत आवश्यक है ताकि आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल सके। इन्हीं दोनों कामों को करने के लिए भारत में सरकार ने एक और नई योजना के अभियान की शुरुआत की जिसका नाम सोलर चरखा अभियान है।

इस योजना के अन्‍तर्गत 5 करोड़ महिलाओं को रोजगार मिलेंगा जिसमे सेल्‍फ हेंल्‍प स्‍कीम ग्रुप को भी इस योंजना से जोंडा जाएगा। सरकार नें इसके लिए लगभग 550 करोड रूपए की सब्सिडी मंजूर की हैं, जोकि 50 कल्‍स्‍टरों में बांटी जाएगी ताकि इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सके। इसमें प्रत्‍येंक कल्‍स्‍टर में 400 से लेकर 2000 शिल्पियों को जोडा जाएगा और साथ ही इस योजना में स्‍वयं सहायता समुहों को भी सम्मिलित किया जाएगा। इस योजना में रोजगार प्रदान किया जाएगा व महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाया जाएगा।

वैसे तो इस योजना को 2016 में बिहार में पहली बार लागु किया गया था और वहां यह योजना सफल साबित हुई। इसके बाद, 2018 में इसकी सफलता को देखते हुए इस अभियान को पूरे देश में लागू करने का फैसला लिया गया। सोलर चरखा मिशन (Solar Charkha Mission) कारीगरों के विकास करने के लिए बनाई गई है जिस की मदद से हमारे देश के कारीगरों को रोजगार के अच्छे अवसर प्रदान होंगे। इस अभियान के लॉन्‍च होने के दो वर्ष के अंदर देश में एक लाख नौकरी बढ़ेगी, जिससे कारीगारों के जीवन को और बेहतर बनाया जा सकेगा और देश में भी उन्नति होगी।

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क्या हैं अभियान की मुख्य विशेषताएं?

सरकार द्वारा शुरू की गई यह अभियान एक बहुत ही महत्वकांशी योजना है जो कि भारत देश में लोगों के भले के लिए शुरू की गई है । इस अभियान की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1.इस योजना के तहत कम से कम 80 लाख महिला उम्मीदवारों को इस क्षेत्र में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि वह रोजगार पाने में सक्षम हो सकें।

  1. इस अभियान के अंतर्गत 5 करोड़ महिला उम्मीदवारों को रोजगार भी मिलेगा।
  2. केंद्र सरकार द्वारा यह योजना सोलर स्पिंडल मिशन के तहत शुरू की जायेगी और इस योजना में 500 सोलर स्पिंडल होंगे, जबकि इसके समूह में 4000 स्पिंडल होंगे।
  3. इस अभियान में अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह योजना गाँव में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू की गई है, ताकि अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हो और वह आत्मनिर्भर हो सके ।
  4. शुरुआत में ज्यादा से ज्यादा 10 लाख रोजगार के अवसर इस क्षेत्र में प्रदान किये जायेंगे।
  5. इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा शुरुआत में 2 सालों तक के लिए लागू किया जाना था और इस बीच इसके ओवरआल प्रभाव का विश्लेषण किया जायेगा।अधिकारिक तौर पर इसे सन 2020 तक ही जारी रखे जाने की योजना थी।
  6. इस योजना के अंतर्गत भारत में स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा। गाँव में लोगों के व्यावसायिक विकास में स्वयं – सहायता संगठन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए इन संगठनों को इस मिशन को लागू करने में मदद करने के लिए शामिल किया जायेगा।
  7. इस योजना के माध्यम से सरकार खादी के कपड़ों को बढ़ावा देने के साथ ही उसे पुनर्जीवित करना चाहती है और साथ ही ग्रीन एनर्जी एवं पर्यावरण फ्रेंडली खादी फैब्रिक को भी विकसित करना चाहती है। भारत में पर्यावरण को लेकर वैसे भी काफी चिंताजनक स्थिति बनी हुई है इसी वजह से सरकार ने इसकी शुरुवात की।
  8. केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि समूह एवं शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक समूह का विकास करने की योजना बनाई है जिसमे इन विशेष समूहों में केवल शिल्पकारों को ही शामिल होने की अनुमति है।
  9. काम की प्रगति सुचारू रूप से हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक समूह में 400 से 2000 कारीगरों को शामिल किया जायेगा।

11.इस अभियान को बढ़ावा देने के प्रयास में केंद्र अधिकारी ने 550 करोड़ रूपये सब्सिडी के रूप में देने का आवंटन किया है।

क्या हैं उद्देश्य और लाभ?

इस अभियान को सरकार ने कुछ मुख्य उद्देश्यों के साथ और लाभों के लिए शुरू किया है जो कि इस प्रकार है:

1.इस अभियान का मुख्‍य उद्देश्‍य कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रदान करना हैं जिससें प्रशिक्षणार्थी को रोजगार मिल सके।

2.महिलाओं का विकास करना चाहती है।

3.इससे जरूरतमंदो को स्‍थानीय स्‍तर पर उद्योग शुरू करने में मदद मिल सकेगी।

  1. इस अभियान को खादी को पुन: प्रयोग में लाया जाएगा व उसे बढ़ावा मिलेगा।

5.इसके माध्यम से सरकार महिलाओं को सशक्त करके एवं व्यवसाय पर जोर देते हुए उनका विकास भी करना चाहती है।

  1. पर्यावरण के संरक्षण को बढ़ावा देना भी अभियान का उद्देश्य है।

7.सोलर चरखें के माध्‍यम से कम से कम समय में अधिक सूत तैयार किया जाएगा।

8.इस अभियान की मदद से कामगारो की आमदनी में भी वृद्धि होगी क्योंकि सोलर चरखें से काम अधिक होगा व प्रतिदिन की 360 रूपए तक की मजदूरी भी मिलेगी।

9.अभियान के तहत बनाए गए चादर, तौलिया, तकिया कवर आदि अन्‍य सभी सामाग्री की सप्‍लाई रेलवें व अन्‍य सरकारी विभाग में की जाएगी।

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