उत्तराखंड में कोरोना से हालात चिंताजनक, 21 दिनों में हुई 55 प्रतिशत मौत
उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर घातक साबित हो रही है। बीते तीन सप्ताह के भीतर प्रदेश में 135806 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। जो कुल संक्रमितों का 48 प्रतिशत है। जबकि 2521 मरीजों की मौत हो गयी है। यह कुल मौतों का 55 प्रतिशत है।
मई में कोरोना संक्रमित मामले तेजी से बढ़ने से साथ ही सबसे ज्यादा संक्रमितों की मौत भी हुई हैं। संक्रमण को काबू करना और मृत्यु दर को रोकना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
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प्रदेश में कोरोना संक्रमण काल को 427 दिन का समय बीत गया है। पहला कोरोना संक्रमित मामला बीते साल 15 मार्च को देहरादून में मिला था लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक रही है। संक्रमित मामले बढ़ने के साथ ही कोरोना मरीजों की मौत भी तेजी से बढ़ी है।
मई में संक्रमितों और मौतों के कई नए रिकॉर्ड भी बने हैं। बीते तीन सप्ताह के भीतर प्रदेश में 135806 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। जो कुल संक्रमितों का 48 प्रतिशत है। जबकि 2521 मरीजों ने दम तोड़ा है। यह कुल मौतों का 55 प्रतिशत है।
संक्रमण दर भी लगातार बढ़ रही
कोरोना आंकड़ों का अध्ययन कर रहे सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि प्रदेश में संक्रमित मामले, मौत होने के बढ़ने के साथ ही सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर भी लगातार बढ़ रही है।
सोमवार (17 मई) सुबह पांच बजे मेष लग्न में केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके बाद बाबा केदार की छह माह की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी। कपाटोद्घाटन से पहले मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कपाटोद्घाटन परंपराओं के तहत होगा। हालांकि इस वर्ष भी श्रद्धालु इस पावन क्षण के साक्षी नहीं बन पाएंगे।