
शाह ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में की सुरक्षा की समीक्षा
कश्मीर घाटी में राजनीतिक और सुरक्षा निहितार्थों पर चर्चा हुई
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और वहां लागू की जा रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा की है।
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा करने के दो दिन बाद केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठक हुई।
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ऐसी खबरें आई हैं कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा – दोनों जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं और अतीत में बड़ी संख्या में आतंकी हमलों में शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और सीमा पार से घुसपैठ रोकने और केंद्र शासित प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की।
आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी भारतीय संपत्तियों पर हमलों के लिए जिम्मेदार
अफगानिस्तान के नए कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी, ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादी समूह के प्रमुख हैं, जो अतीत में काबुल में भारतीय दूतावास सहित भारतीय संपत्तियों पर हमलों के लिए जिम्मेदार था।

तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन के बोल
प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पिछले हफ्ते कहा था, “मुसलमानों के रूप में, हमें भी कश्मीर, भारत या किसी अन्य देश में मुसलमानों के लिए अपनी आवाज उठाने का अधिकार है।”
बैठक में राज्य जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, एनएसए अजीत डोभाल, एम एम नरवणे, अजय भल्ला, अरविंद कुमार, सामंत गोयल, पंकज सिंह और कुलदीप सिंह शामिल हुए।
गिलानी की मौत के साथ कश्मीर घाटी पर चर्चा
माना जा रहा है कि इस बैठक में हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी की मौत के साथ कश्मीर घाटी में राजनीतिक और सुरक्षा निहितार्थों पर चर्चा हुई है। मसरत आलम भट जो वर्तमान में जेल में है, समूह पहले ही उनको अध्यक्ष चुन चुका है।
शाह विभिन्न विकास पहलों की भी समीक्षा की। शाह ने पूर्व में कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों का सर्वांगीण विकास और कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सूची में है.