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सेबी ने शेयर बाजार के नियमों में किये बड़े बदलाव, जानिए क्या है खास और कैसे होगा फायदा
सेबी ने T+1 (ट्रेड+1 दिन) सेटलमेंट साइकिल पेश किया है। इस सेटलमेंट साइकिल के तहत अब शेयरों में होने वाले कारोबार को एक दिन में ही सेटल कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली : शेयर बाजार के क्षेत्र से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजार के क्षेत्र से जुड़ा एक बड़ा एलान किया है। सेबी ने T+1 (ट्रेड+1 दिन) सेटलमेंट साइकिल पेश किया है। इस सेटलमेंट साइकिल के तहत अब शेयरों में होने वाले कारोबार को एक दिन में ही सेटल कर दिया जाएगा। हालांकि सेबी द्वारा जारी यह सेटलमेंट प्लान वैकल्पिक है। ऐसे में अगर ट्रेडर्स चाहें तो इसे चुन सकते हैं। वहीँ, यह नया नियम आगामी नए वर्ष एक जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा।
पुराना नियम
इस समय भारत में बीते अप्रैल 2003 से T+2 सेटलमेंट साइकल लागू है। इस साइकल के तहत जब आप शेयर बेचते हैं, तो वो शेयर तुरंत ब्लॉक हो जाता है और राशि आपको कारोबारी दिन के दो दिन बाद (T+2 डे) मिलती है। हालाँकि, इससे पहले देश में T+3 सेटलमेंट साइकिल चल रहा था।
नया नियम
सेबी द्वारा जारी इस नए साइकल के अनुसार, नए साल से कोई भी स्टॉक एक्सचेंज सभी शेयरधारकों के लिए किसी भी शेयर के लिए T+1 सेटलमेंट साइकिल को चुन सकता है। आसान भाषा में समझें, तो आपको शेयर बेचने पर कारोबारी दिन के एक दिन बाद ही पैसा मिल जाएगा। यह छोटा सेटलमेंट साइकल ज्यादा सुविधाजनक होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पैसे के रोटेशन में तेजी आएगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि किसी भी शेयर के लिए स्टॉक एक्सचेंज एक बार T+1 सेटलमेंट साइकल का चुनाव करता है, तो उसे यह साइकल कम से कम छह महीने तक जारी रखना होगा और यदि स्टॉक एक्सचेंज बीच में T+2 सेटलमेंट साइकिल चुनता है, तो भी उसे एक महीना पहले नोटिस देना होगा।
ज्ञात हो कि सेबी ने बीते महीने अगस्त 2021 की शुरुआत में ही इसके लिए निशेषज्ञों का एक पैनल बनाया था, जिसे T+2 के बजाय T+1 साइकल लागू करने की प्रक्रिया की मुश्किलों पर रिपोर्ट पेश करनी थी। यह फैसला मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस जैसे स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटर्स के साथ बातचीत के बाद लिया गया है।
कंपनियों पर लगाया बैन
बता दें, सनराइज एशियन लिमिटेड समेत करीब 85 कंपनियों और व्यक्तियों पर सेबी ने शेयर बाजार में कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन कंपनियों पर शेयर प्राइस में हेराफेरी करने के चलते एक साल का बैन लगाया गया है। सनराइज एशियन और उसके पांच डायरेक्टर्स को कैपिटल मार्केट से एक साल के लिए और 79 इकाइयों को छह महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
इससे पहले एक अलग आदेश में सेबी ने कोरल हब लिमिटेड को कैपिटल मार्केट से तीन साल के लिए और छह लोगों को दो-तीन सालों के लिए प्रतिबंधित किया था।
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