कोरोना के ईटा वैरिएंट को वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, कहा – विदेश से लौट रहे लोगों की निगरानी रखना जरूरी
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी को सबसे ज्यादा जरूरी मानते हुए अहम सलाह दी है। इनका कहना है कि, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के जरिए कोरोना वायरस के और भी वेरिएंट देश में प्रवेश कर सकते हैं।
ईटा वेरिएंट की मौजूदगी का चला पता
दऱअसल वैज्ञानिकों ने हाल ही में दिल्ली और मुंबई में वायरस के ईटा वेरिएंट की मौजूदगी का भी पता लगाया है। जो विदेश से आने वालों के साथ-साथ समुदाय स्तर पर भी मरीजों में पाया गया है। ये वैरिएंट ने इस लिए चिंता में डाल दिया है क्योंकि इसमें एंटीबॉडी पर हमला करने के साथ म्यूटेशन की भी क्षमता है। पुणे स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, नई दिल्ली स्थित आईसीएमआर और दिल्ली हवाईअड्डे पर कोरोना की जांच करने वाले जेनेस्ट्रिंग डायग्नोस्टिक के संयुक्त अध्ययन में कोरोना के ईटा वेरिएंट के बारे में जानकारी मिली है।
विदेशी यात्रियों में हुई पुष्टि
बता दें कि, दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डे पर 212 लोगों के सैंपल लिए गए थे। इनमें 146 विदेश यात्रा के थे। जबकि 66 मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री ही नहीं मिली थी। वहीं इन सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर 90 की रिपोर्ट में 14 में ईटा वेरिएंट पाया गया। जिन लोगों में यह वेरिएंट पाया गया वो यूएई, दक्षिण अफ्रीका, कतर, नाइजीरिया, सूडान इत्यादि देशों से आए थे। जबकि दो और सैंपल में यह वेरिएंट मिला है। जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी। और ये सैंपल मुंबई हवाई अड्डे के बाहर से लिए गए थे।
दुनिया के 85 देशों में मिली मौजूदगी
एनआईवी की वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है कि, फरवरी 2021 में पता चलने वाले ईटा वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंताजनक श्रेणी में रखा है। दुनिया के 85 देशों में इसकी मौजूदगी है। हालांकि भारत में अब यह समुदाय और विदेश यात्रा दोनों में ही देखने को मिल रहा है। इस वेरिएंट में म्यूटेशन है जिसे एंटीबॉडी पर हमला करने के रूप में जाना जाता है। यही वजह है कि ओमिक्रॉन और डेल्टा के साथ साथ कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट की गतिविधि को लेकर निगरानी बढ़ाने की जरूरत है।