उत्तराखंड से निकलेगी सनातन धर्म स्वाभिमान रथयात्रा, हरिद्वार से जल ले जाकर करेंगे ज्ञानवापी अभिषेक
हरिद्वार : उत्तराखंड(Uttarakhand) के जिला हरिद्वार से वाराणसी के ज्ञानवापी के लिए सनातन धर्म स्वाभिमान रथयात्रा(Sanatan Dharma Swabhiman Rath Yatra) निकाले जाने का फैसला किया गया है. इस स्वाभिमान यात्रा में साधु-संत व धार्मिक संस्थाओं के लोग गंगाजल से भगवान शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे। इसके पश्चात पूजा-अर्चना कर रथ यात्रा की शुरुआत होगी. इस स्वाभिमान यात्रा के संयोजक संदीप मेहता व अनिल शर्मा ने बताया कि, ”हरिद्वार में मां गंगा की पूजा-अर्चना के बाद रथ यात्रा की शुरुआत की जाएगी। संत महापुरुषों के विचार-विमर्श के बाद जल्द ही यात्रा की तिथि घोषित की जाएगी।”
ये भी पढ़े :- राहत : उत्तराखंड में घटे पेट्रोल – डीजल के दाम, जानिए क्या है वर्तमान कीमत
संगठन द्वारा आयोजित की गयी प्रेस वार्ता
हरिद्वार से ज्ञानवापी तक के निकाली जाने वाली स्वाभिमान यात्रा के लिए प्रेस क्लब हरिद्वार(Press Club Haridwar) में पत्रकार वार्ता करते हुए ज्वालापुर निवासी व सनातन धर्म स्वाभिमान रथयात्रा (संस्था) के संयोजक संदीप मेहता व अनिल शर्मा ने बताया कि, ”सनातन धर्म के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए हरिद्वार से उत्तर प्रदेश तक सनातन धर्म स्वाभिमान रथ का यात्रा का आयोजन किया जाएगा।ज्ञानवापी में भगवान शिव को प्रकट हुए सात दिन का समय बीता उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में भगवान शिव को प्रकट हुए सात दिन का समय बीत चुका है। लेकिन, अभी तक भगवान शिव का गंगा जल से जलाभिषेक नहीं किया गया है।”
ये भी पढ़े :- चारधाम यात्रा पर नहीं थम रहा यात्रियों के उपर का संकट, केदारनाथ में हार्ट अटैक से दो श्रद्धालुओं की हुई मौत
स्वाभिमान यात्रा में संत समाज व विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि
स्वाभिमान यात्रा के लिए हरिद्वार से गंगा की पूजा-अर्चना के बाद रथ यात्रा का आगाज किया जाएगा। इसके बाद गंगा का जल लेकर ज्ञानवापी में भवगवान शिव का अभिषेक किया जाएगा. यात्रा संयोजक ने इसके बारे में बोलते हुए कहा कि, ”उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में भ्रमण करते हुए साधु संत, धार्मिक संस्थाओं के लोग ज्ञानवापी पहुंचकर गंगा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। यात्रा में संत समाज के लोग होंगे शामिल यात्रा रुड़की, मंगलौर, नारसन व उत्तर प्रदेश के जिलों का भ्रमण करते हुए वाराणसी पहुंचेगी। यात्रा में संत समाज व विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।”