
आरएसएस प्रमुख ने कहा- सभी भारतीयों का डीएनए एक, राजनीति से खत्म होती एकता
मोहन भागवत ने कहा कि वह छवि बनाने के लिए कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं। न ही वोट बैंक की राजनीति के लिए।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में हिंदू-मुस्लिम एकता और मॉब लिंचिंग को लेकर संबोधित किया है। ये कार्यक्रम मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में डॉ ख्वाजा इफ्तिखार अहमद की किताब ‘THE MEETINGS OF MINDS’ लॉन्च की गई थी। राजनीति को एकता को खत्म करने वाला कहा है।
इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हम सभी भारतीयों का डीएनए एक है। चाहे वे किसी भी धर्म के हों। भारत को विश्वगुरु बनाना यह दुनिया की आवश्यकता है, वरना यह दुनिया नहीं बचेगी। हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है। पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता है।
मोहन भागवत ने कहा कि वह छवि बनाने के लिए कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं। न ही वोट बैंक की राजनीति के लिए। यह राष्ट्र को सशक्त बनाने और समाज में सभी लोगों के कल्याण के लिए अपना कार्य जारी रखता है।
मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग पर बोलते हुए कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिंदुत्व के विरुद्ध हैं। देश में एकता के बिना विकास संभव ही नहीं है। एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिए।
हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां हिंदू या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। केवल भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है। अल्पसंख्यक के मन में डर बिठा दिया गया है। आप हिन्दू राष्ट्र में रहोगे तो मुश्किल है, जो गलत है। भारत में संविधान उनकी रक्षा करता है। हिंदुस्तान एक राष्ट्र है।
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