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RJD नेता अब्‍दुल बारी सिद्दीकी ने कहा- बॉबकट-लिपस्टिक वाली औरतें आगे चली जाएंगी, BJP बोली- ये निम्‍न स्‍तर की राजनीति 

बयान के बचाव में अब्‍दुल बारी सिद्दीकी बोले- ये सिर्फ ग्रामीण दर्शकों को समझने में आसनी के लिए कहा

नई दिल्‍ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण में अति पिछड़ा, पिछड़ा और दूसरे का भी कोटा तय कर दीजिए तब तो ठीक है, वरना महिला के नाम पर पाउडर, लिपस्टिक और बॉबकट वाली औरत चली आएगी नौकरी में तो आपकी महिलाओं को हक मिलेगा?

बिहार के मुजफ्फरपुर में ‘जागरूकता सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा, महिलाओं का आरक्षण जाति और पिछड़े अति पिछड़े आधार पर मिलना चाहिए। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से लोकसभा चुनाव तक टीवी और सोशल मीडिया से दूर रहने की भी अपील की। अपने संबोधन के दौरान वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से उन्‍होंने कहा कि टीवी-सोशल मीडिया से दूर रहें। इसके चक्कर में पड़िएगा तो न आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी, न राज पाठ बढ़ेगा। इसलिए कसम खाएं और कम से कम लोकसभा चुनाव तक नहीं देखें।

टीवी और सोशल मीडिया से दूर रहने की अपील

अब्‍दुल बारी सिद्दीकी ने आगे कहा कि जितने भी समाजवादी हैं, वो कसम खाएं कि कम से कम लोकसभा चुनाव तक टीवी का बहिष्कार करेंगे। इससे आपका खाना नहीं बंद हो जाएगा। इस सम्मेलन में आपको यह संकल्प लेना होगा, वरना इस संकल्प का कोई मतलब नहीं है। संकल्प लीजिए कि हम अपने पुरखों के अपमान को याद रखेंगे। हम अपने बच्चों को पढ़ाएंगे और अपनी हिस्सेदारी के लिए लड़ेंगे। हम लोहिया के बताए हुए रास्ते पर चलेंगे।

वहीं, आरजेडी नेता सिद्दीकी के बयान ने तूल पकड़ा तो उन्‍होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने ग्रामीण दर्शकों को समझने में आसानी के लिए यह बात एक उदाहरण के तौर पर कही थी। सिद्दीकी ने कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उनके इस ‘बॉबकट-लिपस्टिक’ बयान का आरजेडी ने भी समर्थन किया। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सिद्दीकी ने दर्शकों को अपनी बात स्पष्ट करने के लिए एक रूपक (Metaphor) का इस्तेमाल किया, जिसकी पृष्ठभूमि काफी हद तक ग्रामीण है।

जेडीयू ने किया सिद्दीकी के बयान से किनारा

जबकि जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) ने आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान से किनारा कर लिया। जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने कहा कि अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जो बयान दिया, जेडीयू कभी उसका समर्थन नहीं कर सकता। हमारे नेता नीतीश कुमार महिलाओं का सम्मान करते हैं। हमारा यह मानना है कि महिलाओं को यह अधिकार है कि वह लिपस्टिक लगाएं या ना लगाएं, बाल कैसे कटवाएं। अब्दुल बारी सिद्दीकी एक पुराने सोशलिस्ट नेता हैं। महिला आरक्षण बिल पर पिछड़े वर्ग की महिलाओं के मामले में हमने भी मांग की थी।

वहीं, जदयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने कहा कि हमने महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में बिना शर्त मतदान किया। हमारा मानना है कि महिला आरक्षण का बिहार मॉडल सबसे अच्छा है। केंद्र को इसके पक्ष में संशोधन पेश करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

सिद्दीकी के बयान को लेकर बरसी भाजपा

उधर, बीजेपी विधायक जनक सिंह ने मुजफ्फरपुर में महिला आरक्षण विधेयक पर टिप्पणी करते समय अब्दुल बारी सिद्दीकी के शब्दों के चयन की आलोचना की। उन्‍होंने सिद्दीकी को कोर्ट केस की धमकी दी है। वहीं, बीजेपी विधायक श्रेयसी सिंह ने कहा कि वो सिद्दीकी जैसे लोग नेता ही नहीं हैं। इनके जैसे लोग महिलाओं को आगे बढ़ते देखना नहीं चाहते, इसलिए निम्न स्तर की राजनीति करते हैं। तीर से निकला हुआ कमान और जुबान से निकली हुई बातें वापस तो नहीं होती। अब्दुल बारी सिद्दीकी को महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।

इसके अलावा बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि सिद्दीकी आरजेडी के वही नेता हैं ना, जो अपने बेटे को पब्लिकली कह रहे थे कि भारत वापस मत आना, विदेश में ही बस जाना, क्योंकि भारत अब रहने लायक नहीं है। आज इनको हिंदू ओबीसी-ईबीसी समाज का बहुत चिंता हो रही है। ये दोहरे चरित्र वाले तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेता हैं। सिद्दीकी ने मौलानावाद और कठमुल्लावाद के आतंक पर कभी चिंता जाहिर नहीं की। सिद्दीकी का यह बयान घोर निंदनीय है।  

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