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बढ़ती महंगाई ने तोड़ी लोगों की कमर, रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाले सामान हुए महंगे

दूध, ब्रेड और खाद्य तेल जैसे सामानों के महंगे होने बाद अब डिटर्जेंट पाउडर और साबुन जैसे सामान भी महंगे हो गए है। देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान युनिलीवर ने व्हील पाउडर के दाम में 3.5 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की है।

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। रोजमर्रा इस्तेमाल किये जाने वाले सामानों के दाम दिन-ब-दिन आसमान छूटे जा रहे हैं। दूध, ब्रेड और खाद्य तेल जैसे सामानों पर महंगाई बढ़ने के बाद अब डिटर्जेंट पाउडर और साबुन जैसे सामान भी महंगे हो गए है। देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान युनिलीवर ने व्हील पाउडर के दाम में 3.5 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की है। लक्स के साबुन की कीमत में 8 से 12 फीसदी तक की बढ़त हुई है।

वहीं, डिटर्जेंट, साबुन के दाम 14 फीसदी तक बढ़ गए है। सूत्रों से मिले खबर के अनुसार ईंधन महंगा होने से कंपनियों की लागत बढ़ गई है। इसीलिए कंपनियां दाम बढ़ा रही है।

एचयूएल का कौन सा प्रोडक्ट कितना हुआ महंगा

  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्हील पाउडर के दाम 3.5 फीसदी बढ़े है। ऐसे में आधे किलोग्राम (500 Kg) वाले पैक पर दाम 1-2 तक बढ़ जाएंगे।
  • सर्फ एक्सेल का 1 किलोग्राम का पैकेट के दाम 100 रुपये से बढ़कर 114 रुपये होगा।
  • रिन 1 किलोग्राम पैकेट के दाम 77 रुपये से बढ़कर 82 रुपये हो जाएंगे। आधा किलोग्राम (500 Kg) के दाम 37 रुपये से बढ़कर 40 रुपये हो जाएंगे।
  • लक्स साबुन के दाम 12 फीसदी तक बढ़ जाएंगे।
  • लाइफ ब्वॉय साबुन के दाम 8 फीसदी तक बढ़ जाएंगे।

कंपनी के शेयर में जोरदार तेजी आई है। NSE पर HUL का शेयर 15 रुपये बढ़कर 2795 रुपये के भाव पर पहुंच गया है। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा 10 फीसदी बढ़कर 2061 फीसदी हो गया। वहीं, कंपनी का आमदनी 13 फीसदी बढ़कर 11915 करोड़ रुपये रही।

अन्य कंपनियां भी बढ़ा सकती है दाम

जानकारों का कहना है कि अन्य एफएमसीजी कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ा सकती है. क्योंकि लागत तेजी से बढ़ रही है। साबुन बनाने में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। भारत में इंडोनीशिया और मलेशिया दोनों ही देशों से पाम ऑयल का आयात किया जाता है। भारत अपने कुल आयात का 70 फीसदी पाम ऑयल इंडोनीशिया और 30 फीसदी मलेशिया से खरीदता है। वहीं, तेल के दाम लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। इसीलिए अन्य कंपनियां भी अपने दामों को बढ़ने पर विचार विमर्श कर रही हैं।

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