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कल से बदल जाएंगे क्रेडिट और डेबिट कार्ड के नियम, जानिए RBI की नई गाइडलाइंस 

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अगर आप भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए यह खबर जानना बेहद जरूरी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी कि RBI ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रही है। यह बदलाव इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और कॉन्ट्रेक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन से जुड़े हैं। इसके बदलाव 30 सितंबर की रात से कर दिए जाएंगे।

RBI के नए नियमों के मुताबिक डेबिट और क्रेडिट कार्ड यूजर्स को इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और कॉन्ट्रेक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन को लेकर प्रेफरेंस दर्ज करना होगा। जिन ग्राहकों को नया कार्ड दिया जाएगा उन्हें अन्य सुविधाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर आप विदड्रॉल की कीमत तय करते हैं और आपके साथ साइबर फ्रॉड होता है तो यह भी लिमिटेड होगा।

ग्राहकों को सुविधा मुहैया करवाई जाए वे कभी भी विदेशी  ट्रांजेक्शन की सुविधा ले सकते हैं। सर्विस एक्टिवेट और डिएक्टिवेट करने का अधिकार ग्रहकों को दिया जाएगा।

कार्ड स्कीमिंग फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में एटीएम, पीओएस और कॉन्ट्रेक्टलेस लिमिट तय होने से ग्राहकों को धक्का नहीं लगेगा। नए नियम के आने से क्रेडिट कार्ड पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा। अगर कोई यूजर अपनी लिमिट में बदलाव करना चाहता है वो वह नेट बैंकिंग मोबाइल बैंकिंग की मदद से लिमिट में आसानी से बदलाव कर सकता है।

RBI के नए नियम को लेकर InfrasoftTech के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश मीरजांकर ने कहा, “बैंकों को यह अधिकार होगा कि वह आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड को सुरक्षा कारणों से डी-ऐक्टिवेट कर दे। रिजर्व बैंक ने उस कार्ड के लिए ऑनलाइन पेमेंट सर्विस को डिसेबल करने के लिए कहा है जिस कार्ड से अभी तक ऑनलाइन या कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन नहीं किए गए हैं। कार्ड होल्ड्स को इंटरनैशनल ट्रांजैक्शन करने से पहले बैंकों को बताना होगा और यह सर्विस ऐक्टिवेट करनी होगी। कार्ड होल्डर्स के पास यह सुविधा होगी कि वह अपने डेबिट और क्रेडिट से एटीएम, एनएफसी पीओएस और ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन के लिए ऑन-ऑफ ऑप्शन का इस्तेमाल करे। आप कार्ड होल्डर कॉन्टैक्टलेस सुविधा को डिसेबल करना चाहते हैं तो यह काम आसानी से किया जा सकेगा। वर्तमान में इसकी लिमिट 2000 रुपये रोजाना है। कार्ड यूजर्स के पास यह भी आजादी होगी कि वह जब विदेश जाता है तो इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर ले। वापस इंडिया आने पर वह इस सर्विस को डिसेबल कर दे।”

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