
राम मंदिर भूमिपूजन वर्षगाँठ : ट्रस्ट के खाते में अब तक जमा हुए तीन हजार तीन सौ करोड़ रुपये
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर रामभक्तों में कदम दर कदम उल्लास बयां हो रहा है। न सिर्फ प्रति दिन भक्तों की संख्या बढ़ रही है बल्कि राममंदिर निर्माण के लिए सतत श्रद्धा का समर्पण भी बढ़ रहा है। निधि समर्पण अभियान के अतिरिक्त बैंकों के खाते में रोज लगभग 15 लाख रुपये आ रहे हैं। यह पूरी रकम भक्तजन ई-बैंकिंग के माध्यम से ही ट्रस्ट के खातों में भेज रहे हैं। भक्तों के समर्पण में कैशलेस बैंकिंग की धूम है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर का निर्माण शुरू करने के पहले भारतीय स्टेट बैंक की अयोध्या शाखा में खाता खोला। इस खाते में देशभर से राम भक्तों ने धनराशि भेजनी शुरू की, यह सिलसिला आज भी लगातार जारी है। कालांतर में जब निधि समर्पण अभियान शुरू हुआ तो ट्रस्ट ने PNB व बॉब में भी खाता खोला, यहां भी समर्पण राशि भेजने की सुविधा शुरू हो चुकी है।
इन्हीं बैंक खातों में रोज धनराशि आ रही है। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से बताया भी जा चुका है कि निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत कुल तीन हजार तीन सौ करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
रोज बढ़ रहा रामलला का चढ़ावा
इस समय श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय के अलावा रामलला का चढ़ावा भी दिन ब दिन बढ़ रहा है। ट्रस्ट कार्यालय में औसतन चेक व कैश को मिला कर रोज दो लाख रुपये रोज आते हैं।
दूसरी ओर जब गत महीने दानपात्र की धनराशि गिनी गई तो उसका औसत लगभग एक लाख रुपये प्रतिदिन पाया गया। ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्त कहते हैं कि ये सब रामभक्तों में उत्साह का फल है।
चांदी के पालने पर झूलेंगे श्रीराम : रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के साथ श्रीराम के विभिन्न उत्सव भी धूम-धाम से मनाए जाने की परंपरा विकसित होती जा रही है। इसी क्रम में सावन महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान रामलला को पालने पर झुलाए जाने की तैयारी की गई।
रामलला को पूर्व वर्षों के दौरान सावन के महीने में पालने पर झुलाया जाता रहा, किंतु तब रामलला का पालना लकड़ी का होता था। इस बार रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गरिमा के अनुरूप श्रीराम के लिए चांदी का पालना बनवा रहा है ।