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Rajasthan: सम्मेद शिखर जी को लेकर आमरण अनशन कर रहे जैन मुनि समर्थ सागर ने त्यागे प्राण

मुनि सागर महाराज का गुरुवार की मध्यरात्रि निधन हो गया। वी मुनि सुग्रीव सागर महाराज के निधन के बाद अन्य जल का त्याग कर आमरण

राजस्थान: सम्मेद शिखर को बचाने के लिए आमरण अनशन पर बैठे दूसरे जैन मुनि का भी आज निधन हो गया। जयपुर के सांगानेर स्थिति संघी जी जैन मंदिर में 3 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे मुनि सामर्थ सागर का गुरुवार की रात निधन हो गया। इससे पहले मुनि सुधासागर महाराज हैं समवेत शिखर के लिए अपने प्राण त्यागे थे।
मुनि सागर महाराज का गुरुवार की मध्यरात्रि निधन हो गया। वी मुनि सुग्रीव सागर महाराज के निधन के बाद अन्य जल का त्याग कर आमरण अनशन पर बैठ गए थे। बड़ी संख्या में जेंट्स श्रद्धालु घड़ा उनकी डोल यात्रा में शामिल हुए और आचार्य सुनील सागर महाराज संघ सानिध्य में जैन परंपराओं के अनुसार उनके देव को पंचतंत्र में विलीन कर दिया गया।

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अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ के अध्यक्ष ने कहा कि समवेत शिखर जैन तीर्थ जैन समाज और साधु समाज में कितना महत्व रखता है इसका अंदाजा ना तो केंद्र सरकार को है और ना ही झारखंड सरकार को। उन्होंने कहा कि पिछले 4 दिनों में 2 मुनियों ने अपने प्राण त्यागे। उन्होंने कहा केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए आदेश केवल जैन समाज को गुमराह करने वाला है।

अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि जो आर्डर जारी किया कि उसमें साफ अंदाजा लगाया जा सकता है केंद्र सरकार ने 2 अगस्त 2019 का गजट नोटिफिकेशन रद्द किया और ना ही पर्यटक शब्द टायर नाही तीर्थ स्थल की घोषणा किस के अलावा जो भी सेंसेटिव जोन घोषित किया केवल उस पर रोक लगाई है जबकि उसे दर्द करना था। झारखंड केंद्र सरकार पत्थरबाजी का केवल फुटबॉल मैच खेल रही है किंतु जैन समाज इनके शैलेंद्र से गुमराह नहीं होगा और आंदोलन जारी रखेगा।

उन्होंने कहा कि मुनि सुनते हैं सागर महाराज और मुनि समर्थ सागर महाराज के बलिदान को बुलाया नहीं जाएगा। समवेत शिखर जैन तीर्थ था है और रहेगा केंद्र और राज्य सरकार को तीर्थ स्थल हर हाल में घोषित करना ही होगा।

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