
राजस्थान: अशोक गहलोत और सचिन पायलट की अंदरूनी लड़ाई में फंसी कांग्रेस!
राजस्थान के 6 जिलों में हुए जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य चुनाव नतीजों में कांग्रेस का दबदबा रहा है।
राजस्थान में सत्तारूढ़ पार्टी ने 6 में से 4 जिलों पर जीत हासिल की। जोधपुर, जयपुर, दौसा और सवाई माधोपुर में कांग्रेस की जीत के बाद जहां पार्टी में बड़े नेताओं के चेहरे खिले हुए हैं।
वहीं जीत का जश्न मनाने में कार्यकर्ता भी में जुटे हैं। लेकिन इस बात को लेकर भी इसी बीच चर्चा है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चल रही अदरूनी लड़ाई आखिर कैसे पार्टी इतनी बड़ी जीत को हकदार बनी। सवाल यह भी उठ रहा है कि कैसे पार्टी ने इस चुनौती का हल निकाला।
राजनीति के जानकारों की मानें, तो प्रदेश में कैबिनेट विस्तार को लेकर कांग्रेस में चल रही सुगबुगाहट के बीच पंचायती राज चुनाव की घोषणा हालांकि पार्टी के चुनौतीपूर्ण था, लेकिन इसमें एक अच्छी बात यह भी रही कि कार्यकर्ताओं का ध्यान मंत्रिमंडल विस्तार से हटकर सीधा चुनाव की ओर फोकस हो गया। ऐसे में चुनाव में कार्यकर्ता पूरी तरह जुट गए।
सचिन पायलट का पंचायती राज चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व PCC चीफ का फील्ड में उतरना भी जीत के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। पंचायत चुनाव में सचिन पायलट ने गांवों में घूम- घूम कर जनसभाओं में पार्टी के लिए वोट मांगे।
वहीं जनता के बीच केंद्र की खामियों को रखा। यही नहीं पंचायत चुनाव में पायलट की जीत हासिल हो, इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत के गृहनगर जोधपुर भी पहुंचे। यहां भी उनका जमकर स्वागत हुआ, चुनाव में जिसका असर देखने को मिला।
ओवैसी की सक्रियता ने बढ़ाई राजस्थान में कांग्रेस की चिंता, इन सीटों पर पड़ेगा असर!