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मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर कर रहे निजी अस्पताल, इसलिए फैल रहा ब्लैक-व्हाइट फंगस: रामदेव

योग गुरु बाबा रामदेव ने फार्मा कंपनियों के बाद अब निजी अस्पतालों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के नामचीन अस्पतालों ने कोरोना के इलाज के नाम पर लूट मचाई है। इलाज के लिए कभी इंजेक्शन तो कभी स्टेरॉयड देकर मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर कर रहे हैं। जिससे मरीज ब्लैक और व्हाइट फंगस की चपेट में आकर मर रहे हैं। बाबा ने कहा, क्या करूं पहले ही पंगे बहुत ले लिए हैं। 

रविवार के योग शिविर में साधकों से बातचीत करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि 90 फीसदी कोरोना मरीज योग और आयुर्वेद नेचुरोपैथी से ठीक हो रहे हैं, लेकिन दस फीसदी स्याणे अस्पताल भाग रहे हैं। उनको लगता है डॉक्टर उनको बचा लेंगे। अस्पताल से वापस दो या पांच कितने आए, भगवान ही मालिक है। बाबा ने साधकों से पूछा, तुम्हारे जानने वाले कितने लोग अस्पतालों से नहीं लौटे, हाथ उठाकर बताओ। कई लोगों के हाथ उठाने पर बाबा बोले, जब शिविर में सैकड़ों लोगों के परिचित अस्पताल से वापस नहीं लौटे तो देशभर में कितने होंगे। ठहाके लगाते हुए बोले, इतने लोगों को एकत्र कर अस्पतालों पर मुकदमा कराऊंगा तो सब भूल जाएंगे। 

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देश के चार नामचीन बड़े अस्पतालों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मरीज को पांच हजार रुपये से एक लाख रुपये तक का कमरा दे रहे हैं। डॉक्टर विजिट फीस, दवा और खाने का अलग से है। इसके बाद भी मरीज मर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड इलाज के नाम पर एंटीबायोटिक, इंजेक्शन और स्टेरॉयड देकर मरीज की इम्यूनिटी घटा रहे हैं। इससे मरीज ब्लैक और व्हाइट फंगस का शिकार हो रहे हैं। बॉडी रिस्पॉड नहीं कर रही है और मरीज दम तोड़ रहे हैं। 

एंटीबायोटिक से सालाना मरते हैं एक करोड़
स्वामी रामदेव ने दावा किया कि कोरोना तो छोड़िए, सालाना एक करोड़ लोगों की मौत गंभीर बीमारियों में एंटीबायोटिक के दुष्प्रभाव से होती हैं। बाबा ने कहा कि 99.99 फीसदी मामलों में दवा की जरूरत ही नहीं है। हमारे शरीर में ही बीमारियों का इलाज छिपा है। उन्होंने कहा कि बुखार के लिए दवा की जरूरत ही नहीं है। अस्पतालों में शरीर का तापमान कम करने के दिए दवा देते हैं न कि बुखार किस वजह से आ रहा है उसका इलाज करते हैं। 

थोड़ा खुद पर भी खर्चा कर लो
स्वामी रामदेव आयुर्वेद और नेचुरोपैथी इलाज के लिए साधकों को प्रेरित कर रहे हैं। पतंजलि में बीमारियों के हिसाब से नेचुरोपैथी इलाज के अलग-अलग पैकेज हैं। योग शिविर में बाबा कहते हैं, बहुत से लोग शिकायत करते हैं नेचुरोपैथी इलाज और आयुर्वेदिक दवाएं महंगी हैं। बहुत से कहते हैं, पैसे नहीं हैं। साधकों से कहते हैं पैसे पड़ोसी को थोड़ी दे रहे हैं। अपने पर भी कुछ खर्च कर लो। थैरेपी पूरी होने पर ही लाभ मिलेगा।

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