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उत्तराखंड : निजी बस ऑपरेटरों ने बिना शासन की अनुमति के बढ़ाया किराया

उत्तराखंड : इससे पहले की डीज़ल  की बढ़ती कीमतों के चलते शाशन कोई प्रस्ताव तैयार करती।  निजी बस ऑपरेटरो ने खुद से ही किराया बड़ा दिया है। निजी बस ऑपरेटरों  ने मुख्य  स्टशनों  के बीच बैगर शासन को बताये १० रुपय तक किराए में इजाफा किया है। आधिकारिक रूप से ऑपरेटर बात को स्वीकार नहीं कर रहे है।

आरटीओ प्रशासन के  दिनेश पठोई ने कहा  कि निजी कंपिनयों ने अगर किराया बढ़ाया है तो यह गलत है।  बिना एसटीए के अनुमति के ऐसा करना बिलकुल गलत है । प्रति किलोमीटर १० पैसे किराया बढ़ाने की बात सामने आ रही है। ऑपरेटरों का कहना है कि डीज़ल की बढ़ती कीमतों के वजह से उन्होंने मामूली बढ़ोतरी की है।

जिन स्टशनों के  बीच किराये में इजाफ़ा हुआ है , वो है :- देहरादून से ऋषिकेश का किराया 50 से बढ़ाकर 60 रुपये कर दिया है , देहरादून से श्रीनगर का किराया 240 से 250 रुपये, देहरादून से उत्तरकाशी  का किराया 250 से 260 रुपये, देहरादून से रुद्रप्रयाग का 300 से बढ़ाकर 310 रुपये , देहरादून से लंबगांव का किराया  230 से 240 रुपये कर दिया  गया है । । ऋषिकेश और हरिद्वार से चलने वाली बसों के किराये में भी इजाफ़ा किया गया है।

बस ऑपरटरों का कहना है कि २०२० से बसों का किराया नहीं बदला गया है जबकि डीज़ल की कीमते आसमान छूती जा रही है।

अक्सर देखा गया कि  किराया ज्यादा वसूलने पर कार्रवाई का प्रावधान हैं।  पर न जाने किस वजह से कार्रवाई नहीं की जाती। जिसके चलते यात्री भी बस चालकों से कुछ नहीं कह पाते। जबकि प्रावधान ये है कि एसटीए की अनुमति के बाद ही  बस ऑपरेटर किराया बढ़ोतरी कर सकती हैं।

ऐसे में बिना समिति के प्रस्ताव बने किराया बढ़ाना यात्रियों के खिलाफ सरासर न इंसाफ़ी हैं।

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