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प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना : इस योजना के तहत आपके कारोबार के लिए सरकार देगी आर्थिक मदद, जल्द करें आवेदन

छोटे कारोबारियों की परेशानी को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने मुद्रा लोन योजना का शुभारंभ किया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी इस मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत मोदी सरकार पहले भी करोड़ों रुपए का लोन दे चुकी है।

नई दिल्ली : देश में फैले कोरोना महामारी के वजह से यहां के लोगों का कारोबार काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसके चलते लोगों की नौकरी पर भी भारी संकट मंडरा रहा है। ऐसे समय में ज्यादातर लोग अपना खुद का कारोबार करने की सोच रहे हैं मगर आर्थिक संकट के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे ही लोगों की इस परेशानी को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का शुभारंभ किया है।

केंद्र सरकार द्वारा जारी इस मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत मोदी सरकार पहले भी करोड़ों रुपए का लोन दे चुकी है। इस योजना के तहत मोदी सरकार देश के छोटे कारोबारियों को आसानी से कर्ज प्रदान करती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश में मौजूद छोटे व्यापारियों वह उद्यमियों को मजबूती देने के लिए सरकार पहले से भी कई योजनाएं चला रही है। लेकिन सरकार द्वारा जारी मुद्रा लोन योजना इन योजनाओं में बेहद अहम है। आइए आपको बताते हैं इस योजना से जुड़ी कुछ खास बातें….

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना

केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत कर्ज लेने वाले लोगों को 3 ग्रुप में बांटा है।

  • शिशु: सरकार द्वारा इस वर्ग के दायरे में मात्र ₹50 हजार तक का कर्ज आता है।
  • किशोर: सरकार द्वारा इस वर्ग के दायरे में ₹50 हजार से ₹5 लाख तक का कर्ज आता है।
  • तरुण: सरकार द्वारा इस वर्ग के दायरे में 5 लाख से ₹10 लाख तक का कर्ज आता है।

आवेदन प्रक्रिया:

कोई भी व्यक्ति अगर इस योजना के तहत अपना आवेदन करवाना चाहता है तो वह अपने नजदीकी बैंक शाखा से संपर्क कर सकता है।

दस्तावेज:

इस योजना में आवेदन के लिए आवेदन कर्ता को मकान के मालिकाना हक या किराए से जुड़े दस्तावेज, उसके काम से जुड़ी जानकारी, आधार कार्ड, पैन कार्ड नंबर सहित अन्य जरूरी दस्तावेज बैंक में देने होंगे और बैंक मैनेजर को अपने कारोबार से जुड़ी सभी जानकारियां प्रदान करनी होगी।

ब्याज:

सरकार द्वारा जारी इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें कोई निश्चित ब्याज दर नहीं लगता है। सभी बैंक लोन पर अलग-अलग दर से बयाज वसूल सकते हैं। आवेदक करता के बयास का निर्धारण उसके कारोबार पर निर्भर करता है। वहीं, दूसरी तरफ बैंकों को सूचित किया गया है की बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश व दिशा निर्देश के तहत बयाज लें।

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