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प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना

भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां पर ज्यादातर लोगों का रोजगार कृषि यानी कि खेतीबाड़ी पर निर्भर करता है जिसकी वजह से यह भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हो जाता है। लेकिन ज्यादातर लोगों की यानी कि ज्यादातर किसानों की कृषि की वजह से अच्छी इनकम नहीं हो पाती है। भले ही ज्यादातर लोग किसानी पर निर्भर करते हो लेकिन फिर भी भारत देश में किसानों के हालात इतने अच्छे नहीं हैं।

Pradhan Mantri Kisan Sampada Yojana

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भारत की केंद्र सरकार ने अपनी कमान संभालने से पहले ही किसानों की आय को दोगुना करने का निर्णय लिया था और उसके लिए तब से प्रयास भी करती आ रही है।इसके लिए सरकार ने कई सरकारी योजनाएं लागू कर रखी हैं, साथ ही कई परियोजनाओं पर काम भी कर रही है। आज हम आपको सरकार के द्वारा शुरू की गई एक ऐसी ही योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (Pradhanmantri Kisan Sampada Yojana) है। आज आपको इसी विषय पर हम बताएंगे ताकि हमारे बाकी किसान भाई भी इसका फायदा उठा सकें।

क्या है प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना?

भारत में आज के जमाने में भी किसानों यानी कि कृषि पर निर्भर रहने वाले लोगों की क्या हालत है इस बारे में हर कोई अच्छे से जानता है। हमेशा से ही किसानों के हालातों को सुधारने के लिए हमारे देश की सरकार एक काम करती रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब अन्नदाता खुश होगा तभी तो भारत देश में प्रगति होगी। इसी वजह से सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (Pradhanmantri Kisan Sampada Yojana)की भी शुरुआत की।

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इस योजना की शुरुआत अगस्‍त 2017 में हुई थी और यह योजना पूरी तरह से कृषि केंद्रित योजना है।2016-20 की अवधि के लिए मई 2017 में कैबिनेट द्वारा ‘कृषि समुद्री प्रोसेसिंग और कृषि कार्य नवनीकरण’ के लिए योजना को मंजूरी दी गयी थी।इसके बाद इसी योजना में सुधार कर उसके पूर्ववर्ती नाम को नवीनतम रूप में ‘प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना’ (Pradhanmantri Kisan Sampada Yojana) के नाम से सम्बोधित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्‍य कृषि का आधुनिकीकरण करना है। इसके साथ ही कृषि बर्बादी को कम करने का भी इसका लक्ष्य है। इसके लिए साल 2016-20 तक करीब 6 हजार करोड़ रुपये आवंटन किए गए हैं और सरकार ने इसको एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना का अनुमोदन दिया है।

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प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाओं में से यह भी एक महत्वपूर्ण योजना है क्योंकि यह खास तौर पर किसानों के लिए बनाई गई है।

क्या हैं योजना की मुख्य विशेषताएं?

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना एक बहुत ही महत्वकांशी योजना है जिसके कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

–यह योजना भारत सरकार की एक नई कृषि विकास क्षेत्रीय योजना है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के द्वारा इस योजना को मंजूरी प्रदान की गयी है।

–इस योजना के द्वारा खाद्य प्रोसेसिंग क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

–यह विशेह योजना किसानों को उनके द्वारा उत्पादित आनाज सामग्री के लिए बेहतर प्रक्रिया प्रदान करेगी।

– इस योजना से ग्रामीण इलाकों में रोजगार के और अधिक अवसर पैदा होंगे।

– विभिन्न खर्चों को कम कर कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी करने के साथ ही फसलों को नुकसान से बचाने में और भोज्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

–इस योजना में मेगा फूड पार्क की होगी स्थापना। सरकार ने मेगा फ़ूड पार्क के लिए विशेष निधि की स्थापना की है क्योंकि इस तरह के पार्क बनने से अनाज को सुरक्षित भंडारित कर खराब होने से बचाया जा सकता है, कृषि उत्पादों, डेयरी, मछली पालन हेतु अत्याधुनिक बुनियादी संरचना उपलब्ध कराई जाएगी।

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–इंटीग्रेडेड कोल्ड चैन अर्थात एकीकृत शीत श्रृखला एंड वैल्यू एडिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर अर्थात मूल्य संवर्धन की संरचना की जाएगी।रोजगार में बढ़ोतरी के लिए खाद्य संसाधन और कृषि पर आधारित प्रोसेसिंग इकाईयों और सभी बुनियादी ढांचे को एकीकृत कर प्राथमिक रूप से ऋण देने के दायरे के तहत लाया गया है। इसकी मदद से किसानों को आर्थिक रूप से सहायता प्राप्त हो सकेगी।

–इस योजना में खाद्य प्रोसेसिंग और संरक्षण क्षमता का विस्तार होगा।

–खाद्य प्रोसेसिंग या नवीनीकरण और खुदरा क्षेत्र में पूंजी निवेश को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए सरकार ने भारत में बनाई गयी सामग्री और उपजाई गए अनाज या भोज्य वस्तुओं के उत्पादन के सम्बन्ध में एफडीआई अर्थात विदेशी पूंजी निवेश की अनुमति प्रदान की है।

–एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर अर्थात कृषि कार्य में नवनीकरण प्रक्रिया के लिए सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए बहुत ही निम्न या कम दर पर ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है।

– इस सुविधा के माध्यम से अनाज को खेत से सीधे उपभोक्ता तक बिना किसी रूकावट के पहुँचाना, इसकी उपलब्धता को सुनिश्चित करता है।

– इससे हर वर्ग के किसानों को लाभ पहुँचाने और उनका सर्वागीण विकास करने की कोशिश की गयी है जिससे उनके बीच शिष्टता बढ़ेगी।

–सकल घरेलु उत्पाद, निर्माण, रोजगार और निवेश के लिए बुनियादी सुरक्षा और सुविधा मुहैया करवाने का आश्वासन दिया गया है जो समय के साथ उत्पादित आनाज और अन्य वस्तुओं के लिए अलग अलग परिवहन सेवाओं को उपलब्ध करवाएगा।

–पीएमकेएसवाई (Pradhanmantri Kisan Sampada Yojana) के तहत 32 परियोजनाओं को मंजूरी मिली है।

क्या हैं योजना के उद्देश्य और लाभ?

सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य और लाभ हैं जो कि इस प्रकार है:

–इस परियोजना के अंतर्गत करीबन 17 राज्यों को कवर किया जाएगा।

–इन परियोजनाओं के तहत करीब 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया जाएगा।

–इस योजना की मदद से से उत्पन्न होने वाले अनाज की बर्बादी को रोका जाएगा।

–इसकी मदद से किसानों की आय को दोगुना किया जाएगा।

– अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में भारतीय किसानों को उपभोक्ताओं से जोड़ा जाएगा जिससे कि उनको ज्यादा खरीददार मिलेंगे।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम?

इस योजना को सफल बनाने के लिए भारत की सरकार द्वारा कुछ खास कदम उठाए गए हैं जो कि इस प्रकार है:

  1. निवेश को गति देने के लिए सरकार ने भारत में निर्मित और अथवा उत्‍पादित खाद्य उत्‍पादों के बारे में ई-कॉमर्स के माध्‍यम से व्‍यापार सहित व्‍यापार में 100 प्रतिशत प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है।

2.भारत सरकार ने खाद्य पार्कों और इनमें स्थित कृषि-प्रसंस्‍करण यूनिटों को रियायती ब्‍याज दर पर वहनीय क्रेडिट उपलब्‍ध कराने के लिए नाबार्ड में 2000 करोड़ रूपए का विशेष कोष भी स्‍थापित किया है।

3.खाद्य प्रसंस्‍करण कार्यकलापों और अवसंरचना के लिए अतिरिक्‍त क्रेडिट उपलब्‍ध करवाने के लिए भी विशेष कदम उठाए गए हैं।इस प्रकार खाद्य प्रसंस्‍करण को प्रोत्‍साहन मिलेगा, बर्बादी में कमी आएगी, रोजगार सृजित होगा एवं किसानों की आय बढ़ेगी।

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