Rajasthan में बिजली संकट, विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा
Rajasthan: राजस्थान के कई बिजलीघरों में कोयले की आपूर्ति में कमी के कारण उत्पादन घटने से उपजे बिजली संकट के बीच शनिवार को राज्य के उर्जा मंत्री बीडी कल्ला दिल्ली पहुंचे। कोयला आपूर्ति सुचारू करने के लिए उन्होंने राज्य के अधिकारियों से बातचीत की। वहीं इस मामले को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित बीजेपी पार्टी के अन्य नेताओं ने राज्य सरकार पर निशाना साधा।
दिल्ली में उर्जा मंत्री कल्ला ने मीडिया से कहा कि कमजोर मानसून व कोयले की आपूर्ति बाधित होने के कारण कुछ दिक्कत हुई है। कोयला कंपनियों व केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर समस्या को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
कल्ला ने कहा, ‘‘मानसून के कारण तेजी से बिजली की मांग बढ़ गई। मानसून के वक्त में बिजली की इतनी खपत नहीं होती, लेकिन इस बार मानसून कमजोर होने से मांग बढ़ गई। कोयले की खानों में पानी आने से कोयले की आपूर्ति रुक गयी है। कोल इंडिया से पर्याप्त कोयला नहीं मिल पा रहा।’’
राज्य के प्रमुख उर्जा सचिव दिनेश कुमार भी कल्ला के साथ दिल्ली में हैं और वे अधिकारियों से मिल रहे हैं ताकि कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करवाकर संकट को दूर किया जा सके।
अधिकारियों ने कहा कि सूरतगढ़ तापीय बिजलीघर सहित अन्य बिजलीघरों से कोयले की आपूर्ति बाधित होने से उत्पादन प्रभावित हुआ है।
वहीं राज्य में बिजली आपूर्ति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने शनिवार को कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में सरकार के कुप्रबंधन के कारण अघोषित बिजली कटौती है।
राजे ने यहां एक बयान में कहा कि गाँवों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी लोग बिजली कटौती से परेशान हैं। राजे के मुताबिक सबसे बड़ा सूरतगढ़ सुपर थर्मल बिजली संयंत्र ठप हो गया है। वहाँ कोल रैक नहीं मिलने की वजह से 250-250 मेगावाट की सभी छह इकाइयां बंद हो गई हैं। इसके अलावा भी कई बिजलीघर बंद है और कई बंद होने की स्थिति में हैं। राज्य में बिजली संकट पैदा हो गया है।
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया, 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन ‘’कालीसिंध व सूरतगढ़ थर्मल प्लांट की यूनिटें बंद होने से प्रभावित हुआ है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा सरकार बिजली आपूर्ति व्यवस्था में कोयला संकट को दूर कर सुधार लाएं अन्यथा जनाक्रोश के लिए तैयार रहे।
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